21 राज्य बदल चुके हैं 244 शहरों के नाम: एक बार नाम बदलने का खर्च 300 करोड़…यूपी में 12 और शहर नाम परिवर्तन लिस्ट में
क्या आपको आपके शहर का नाम पसंद है? अगर नाम बदला जाए तो क्या आप सहमत होंगे? कानूनी तौर पर तो आपके शहर के नाम में बदलाव आपसे पूछकर ही किया जाना चाहिए। मगर आमतौर पर ऐसा होता नहीं है। शहरों के नाम बदलने का फैसला आपकी चुनी हुई सरकार ले लेती है। बॉम्बे से मुंबई, मद्रास से चेन्नई या फिर इलाहाबाद से प्रयागराज…इन नामों को बदलने का फैसला सरकारों ने ले लिया।
ये अलग बात है कि सरकारी कागजों में लिखे नाम से उस शहर के बाशिंदों को खास फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन इस नाम परिवर्तन का खर्च जरूर उनकी जेब से जाता है। यह खर्च भी कम नहीं है। औसतन एक शहर का नाम बदलने में 300 करोड़ रुपए तक खर्च होते हैं, यदि शहर बड़ा हो तो ये राशि 1000 करोड़ तक भी पहुंच सकती है।
आजादी के बाद से ज्यादातर नाम परिवर्तन अंग्रेजों की गलतियों की वजह से किए गए। त्रिवेंद्रम को तिरुअनंतपुरम या कोचीन को कोच्चि सिर्फ अंग्रेजों की स्पेलिंग में सुधार के लिए किए गए। आजादी के बाद से अब तक 21 राज्यों ने कुल 244 जगहों के नाम बदले हैं।
वैसे शहरों के नाम परिवर्तन को लेकर सबसे ज्यादा विवाद उत्तर प्रदेश में उठते हैं, मगर जगहों के नाम बदलने में UP सबसे आगे नहीं है। सबसे ज्यादा 76 जगहों के नाम आंध्र प्रदेश में बदले गए हैं। तमिलनाडु ने 31 और केरल ने 26 जगहों का नाम बदला है। महाराष्ट्र ने भी 18 जगहों का नाम बदला है। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से अब तक 8 शहरों का नाम ही बदला गया है। आजादी के बाद से अब तक देश के 9 राज्यों और 2 संघशासित प्रदेशों का भी नाम बदला गया है। जानिए, एक शहर या राज्य का नाम बदलने की प्रक्रिया क्या है? इसमें इतना खर्च क्यों होता है? और आखिर UP में बार-बार शहरों के नाम पर विवाद क्यों होता है?
आजादी के बाद इन राज्यों और संघशासित क्षेत्रों के नाम बदले
ईस्ट पंजाब बना पंजाब: यह बदलाव 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। बाद में 1966 में पंजाब का विभाजन कर हरियाणा, हिमाचल और पंजाब तीन राज्य बने।
यूनाइटेड प्रॉविन्स बना उत्तर प्रदेश: यह बदलाव 24 जनवरी, 1950 को लागू हुआ। 2000 में उत्तर प्रदेश का विभाजन कर उत्तरांचल राज्य बनाया गया।
उत्तरांचल बना उत्तराखंड: 2000 में बने राज्य ने 2007 में नाम परिवर्तन कर उत्तराखंड किया।
आंध्र स्टेट बना नया राज्य: 1 अक्टूबर, 1953 को मद्रास प्रेसिडेंसी के तेलुगूभाषी हिस्से को बतौर आंध्र स्टेट राज्य का दर्जा मिला। हैदराबाद स्टेट भी इसमें शामिल था। 1 नवबंर, 1956 को आंध्र स्टेट का नाम बदलकर आंध्र प्रदेश किया गया।
त्रावणकोर-कोचीन बना केरल: यह बदलाव 1 नवंबर, 1956 को लागू हुआ।
मध्य भारत बना मध्य प्रदेश: यह बदलाव 1 नवंबर, 1959 को लागू हुआ था।
मद्रास स्टेट बना तमिलनाडु: यह बदलाव 14 जनवरी, 1969 को लागू हुआ था।
मैसूर स्टेट बना कर्नाटक: यह बदलाव 1 नवंबर, 1973 को लागू हुआ था।
उड़ीसा बना ओडिशा: यह बदलाव नवंबर, 2011 से लागू हुआ था।
लक्कदीव,मिनिकॉय और अमनदीवी बने लक्षद्वीप: यह बदलाव 1 नवंबर, 1973 को लागू हुआ था।
पॉन्डिचेरी बना पुड्डुचेरी: नाम में यह बदलाव 1 अक्टूबर, 2006 से लागू हुआ था।
1953 में केंद्र ने कहा था- ऐतिहासिक नाम न बदलें…2005 में पलटा
- केंद्रीय गृह मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेट्री सरदार फतेह सिंह ने 1953 में सभी राज्यों को पत्र लिखा था।
- यह पत्र शहरों के नाम परिवर्तन को लेकर गाइडलाइन माना जाता है।
- पत्र में स्पष्ट था कि बहुत जरूरी होने पर ही नाम बदला जाए।
- नाम परिवर्तन से पहले स्थानीय जनता से राय जरूर ली जाए।
- पत्र में कहा गया था कि ऐतिहासिक महत्व के नामों को न बदलें।
- हालांकि 2005 में इस गाइडलाइन में संशोधन किया गया।
- संशोधन में कहा गया- यदि नाम में किसी राष्ट्रीय महत्व की हस्ती का नाम जोड़ा जा रहा है तो परिवर्तन किया जा सकता है।
UP में 8 शहरों के नाम सरकारों के साथ बदले…सिर्फ फिजूलखर्च ही हुआ
- शहरों के नाम परिवर्तन पर सबसे ज्यादा विवाद उत्तर प्रदेश में रहा है।
- यहां सरकारों ने अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत शहरों का नाम बदला।
- नई सरकार आते ही इन शहरों के नाम फिर बदले गए।
- सपा और बसपा के बीच नाम परिवर्तन के झगड़े यहां चर्चित रहे हैं।
- मायावती सरकार ने 8 शहरों के नाम 2012 से पहले बदले थे।
- अमेठी को छत्रपति शाहूजी महाराज नगर, हाथरस को महामायानगर बनाया।
- कानपुर देहात को रामबाई नगर, कासगंज को काशीराम नगर बनाया गया।
- 2012 में सपा की सरकार ने सभी पुराने नाम वापस कर दिए।
कई बार नाम बदले गए…जनता के बीच चले ही नहीं
- राजनीतिक एजेंडे के तहत बदले गए नाम जनता की मर्जी के नहीं होते।
- ऐसे में यह नाम जनता में लोकप्रिय नहीं हो पाते हैं।
- UP में मुगलसराय का नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर किया गया।
- नाम कागजों में बदल गया, मगर प्रचलन में मुगलसराय ही जारी रहा।
- मध्य प्रदेश में भोपाल बैरागढ़ को संत हिरदाराम नगर बनाया गया।
- प्रचलन में इस इलाके को आज भी बैरागढ़ ही कहा जाता है।
देश के 6.77 लाख गांवों में 6 हजार से ज्यादा राम-कृष्ण के नाम पर…234 अकबर के नाम पर
- 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में कुल गांवों की संख्या 6,77,459 है।
- इनमें से 3,626 गांवों का नाम भगवान राम के नाम पर है।
- 3,309 गांवों का नाम भगवान कृष्ण के नाम से जुड़ा हुआ है।
- मुगल बादशाह अकबर के नाम पर भी 234 गांवों का नाम है।
- बाबर के नाम पर 62, हुमायूं के नाम पर 30 और शाहजहां के नाम पर 51 गांव हैं।
- 8 गांव औरंगजेब के नाम पर भी हैं और यह सभी UP के बिजनौर में हैं।
नाम बदलने की दौड़ जारी…UP में 12 शहरों का बदल सकता है नाम
- नाम बदलने की दौड़ में सबसे नया शहर मध्य प्रदेश को होशंगाबाद है।
- 2022 में इसका नाम बदलकर नर्मदापुरम किया गया है।
- UP में अभी 12 और शहरों का नाम बदलने का प्रस्ताव सरकार के पास है।
- इनमें अलीगढ़, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, बदायूं प्रमुख हैं।