रायपुर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखकर जेल मुख्यालय ने प्रदेशभर के जेलों में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। नए बंदियों को कोरोना टेस्ट निगेटिव आने पर ही जेल के भीतर लिया जा रहा है। वहीं, बैरकों की साफ-सफाई, शारीरिक दूरी का पालन कराने के साथ जेल में बने खादी के मास्क का ही उपयोग किया जा रहा है।
यही नहीं जेलों में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया भी चल रही है। अब तक जेल के 1288 कर्मचारियों को दूसरे डोज और 1377 बंदियों का टीकाकरण किया जा चुका है। शेष बचे लोगों का टीकाकरण की प्रक्रिया चल रही है। कोरोना वायरस से चल रही जंग में हर विभाग अपनी भूमिका निभा रहा है।
पिछले साल से कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकारों को जेल में बंद कैदियों की संख्या घटाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद बिना देरी किए प्रदेशभर की जेलों से हजारों कैदियों को जमानत व पेरोल पर रिहा किया गया था, वहीं बाकी बचे कैदी जेल की चारदीवारी के भीतर शारीरिक दूरी का पालन कराया जा रहा था। बावजूद इसके कई बंदी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से नहीं बच सके।
केंद्रीय जेलों में सैनिटाइज टनल
प्रदेश के पांचों केंद्रीय जेलों में सैनिटाइजर टनल लगाया गया है।यहीं नहीं जेल प्रशासन लगातार नए कैदियों की थर्मल स्क्रीनिंग से जांच कर रहा है। छत्तीसगढ़ जेल प्रशासन की यह कामयाबी ही कहा जाएगा कि जहां लॉकडाउन में पूरे प्रदेश में कामकाज ठप पड़े हैं, वहीं जेलों में स्टैंडर्ड सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए बंदियों से दैनिक काम कराया जा रहा है। कोरोना संकट की इस घड़ी में जेल प्रबंधन पूरी तरह से अलर्ट है।
बंदी तैयार कर रहे मास्क
रायपुर केंद्रीय जेल के मेन गेट पर अलग से भी एक गेट लगाया गया है, जिसमें सैनिटाइजेशन का इंतजाम है।इस गेट से होकर ही सभी बंदी, प्रहरी जेल में प्रवेश कर रहे हैं। प्रदेश की दूसरी जेलों के कैदियों की तरह ही राजधानी रायपुर की केंद्रीय जेल के कैदी भी मास्क बना रहे हैं।
जेल एम्पोरियम में ये मास्क बेचे जा रहे हैं। खास बात ये भी है कि कैदियों ने जेल में हुई अपनी मेहनत की कमाई के एक लाख 79 हजार 858 रुपए की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की है। कैदियों की इस भावना ने समाज के सामने एक मिसाल पेश की है।
फैक्ट फाइल
कुल जेल कर्मचारी-1646
प्रथम डोज-1600
दूसरा डोज-1288
कुल बंदी- 3158 में से 1377 बंदियों का टीकाकरण