कवर्धा। जिले के पिपरिया थाना अंतर्गत दशरंगपुर चौकी पुलिस ने पैदल ही 291 मवेशियों को मध्य प्रदेश ले जाते हुए 4 लोगों को पकड़ा है। कवर्धा जिले में यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक रायपुर के बजरंग दल जिला संयोजक अंकित द्विवेदी ने इस मामले में FIR दर्ज कराई है। ग्राम केशली के तिहारी सरपंच ने उन्हें फोन कर बताया कि मध्यप्रदेश के कुछ लोग 250 से अधिक गायों-बछड़ों को पैदल ही ले जा रहे हैं। मौके पर पहुंचे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मवेशियों को ले जा रहे लोगों को पकड़ा। उनसे पूछताछ की। पता चला कि उनके पास मवेशियों से जुड़ा कोई दस्तावेज भी नहीं है। ऐसे में पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस ने मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के बगदई (लांझी) गांव निवासी सत्तू मण्डावी (22), राजकुमार धुर्वे (55),गोलू धुर्वे (23), दिनेश मण्डावी (27) के खिलाफ धारा 4,6,10 छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। रविवार को मवेशियों को जिले के 4 अलग-अलग गौशाला में भेजा गया है।
मौके पर मौजूद पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों के अनुसार करीब 286 मवेशी स्वस्थ्य है। इनमें से तो 50 गाय की स्थिति अच्छी है। 100-100 गाय व बछड़े है, बाकि भैंस है। पांच मवेशी बीमार हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। इन 291 मवेशियों की कीमत लगभग 14.60 लाख रुपए बताई जा रहीं है।
बालाघाट के रास्ते महाराष्ट्र ले जाने की बात
पुलिस के अनुसार इन मवेशियों को कत्लखाने ले जाने की तैयारी थी। इन्हें कबीरधाम जिले से बालाघाट ले जाया जाता। इसके बाद वहां से महाराष्ट्र के नागपुर कत्लखाने ले जाने की तैयारी थी। अभी तक की पूछताछ से सामने आया है कि मवेशियों को बलौदा बाजार-भाटापारा जिले से पैदल लाया जा रहा था।
10 साल में तस्करी के 64 मामले
कवर्धा पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2010 लेकर मार्च 2020 तक अब तक 64 मामले सामने आए है। ज्यादातर मामले सीमावर्ती थानों में आए। कुकदुर, जंगल रेंगाखार, तरेगांव जंगल, बोड़ला, चिल्फी, सिंघनपुरी, झलमला क्षेत्र से इन मवेशियों को बार्डर पार किया जाता है।