बिलासपुर

नदी में गंदगी: जांच में हसदेव सहित 3 नदियां मिलीं दूषित…पर्यावरण विभाग ने चांपा समेत तीन नगर पालिकाओं पर ठोंका 17 करोड़ रुपए का जुर्माना…बिलासपुर नगर निगम पर भी 9.90 करोड़ रुपए जुर्माना

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पर्यावरण विभाग ने गंदे नालों का पानी नदियों में मिलाने के मामले में तीन नगर पालिकाओं चांपा, मुंगेली और तखतपुर तथा नगर पंचायत लोरमी पर 17.10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।

प्रदेश में नदियों के संरक्षण के मामले में पर्यावरण विभाग की यह अब तक की बड़ी कार्रवाई है, जो बिलासपुर क्षेत्रीय कार्यालय ने की है। इसके अलावा बिलासपुर नगर निगम पर 9.90 करोड़ रुपए के जुर्माने की गणना कर ली गई है। यहां भी अरपा नदी में 11 नालों का पानी जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनजीटी ने 21 मई 2020 को देशभर के निकायों को जुलाई 2021 तक नालों का पानी साफ करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के आदेश दिए थे। छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण मंडल को इस आदेश का पालन करने का जिम्मा सौंपा गया।

इस आधार पर कार्रवाई करते हुए चांपा नगरपालिका पर हसदेव नदी में 7 नालों का गंदा पानी जाने की वजह से 9.90 करोड़ रुपए का जुर्माना किया गया। तखतपुर नगरपालिका पर मनियारी नदी में मनियारी नदी में पचरैहा नाले का पानी जाने की वजह से 90 लाख रुपए की पेनल्टी लगाई गई। मुंगेली नगरपालिका पर आगर नदी में दो नालों का पानी जाने के कारण 1.80 करोड़ रुपए, तो लोरमी नगर पंचायत पर 5 नालों का पानी मनियारी में मिलने के कारण 4.50 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।

बिलासपुर में भी अरपा नदी में 11 नालों का पानी जा रहा है। इस आधार पर 1 जुलाई 2021 से मार्च 2022 तक नगर निगम पर 9.90 करोड़ रुपए के जुर्माने की गणना की जा सकती है। हालांकि निगम ने इस शपथपत्र के आधार पर राहत पाने का दावा किया कि वह 31 मार्च 2023 तक सभी नालों के पानी का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से उपचार शुरू कर देगा।

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Pradeep Sharma

SNN24 NEWS EDITOR

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