CG मे गौवंश की सुरक्षा के लिए 163 मोबाइल वेटेनरी यूनिट की घोषणा: राजा धर्मेंद्र सिंह ने कहा- गायों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए पूरे प्रदेश में एम्बुलेंस चलाने का निर्णय प्रशंनीय
सक्ती। राजा धर्मेन्द्र सिंह ने भूपेश सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारे देश में गौमाता को लक्ष्मी माता के रूप में पुजा जाता है जिसका मान सम्मान मे छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। पहले गौमाता के लिए गौठान बनाया गया। उसके बाद गोबर खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य बना जिसके पश्चात गोमूत्र की भी खरीदी की जा रही है गौठान और गोबर खरीदी जैसी योजनाएं अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनी जिसकी प्रशंसा प्रदेश सहित पुरे देश मे हो रही है साथ ही अन्य राज्यों की सरकारें भी इस योजना का अनुसरण करते हुए अपने प्रदेशो मे योजना को लागू कर रही है
धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि गौठान के बाद अब छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार गौवंश की रक्षा के लिए मोबाइल वैन चलाने की तैयारी कर रही है। जो कि आए दिन सड़को पर दुर्घटनाओं का शिकार होती रहती थी। जिसमें अधिकतर गायों की दुर्घटना मे मौत हो जाती थी जिसे बचाने गायों की दुर्घटना हो जाने पर उन्हें तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एम्बुलेंस चलाया जायेगा | गौठानों में मोहल्ला क्लीनिक की तर्ज पर मोबाइल वैन चलाकर गौवंश के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायेगी इसके लिए कृषि विभाग ने निविदा जारी कर दी है।
58 करोड़ की राशि से पहले चरण में प्रदेश में 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट (एमबीयू) का संचालन किया जाएगा। प्रत्येक विकासखंड में एक एमबीयू होगी इसमें एक वेटनरी डांक्टर और एक पैरावेट,एक सहायक व एक ड्राइवर कार्यरत रहेंगे एमबीयू के माध्यम से ही गौवंश का टीकाकरण, प्राथमिक उपचार,नस्ल सुधार आदि काम कराएं जाएंगे यह योजना भविष्य में सभी दस हजार गौठानो को कव्हर करने की योजना है। घायल व बीमार गौवंश का मौके पर उपचार करने के अतिरिक्त उन्हें उच्च वेटेनरी अस्पतालों तक पहुंचाने में भी सहायता मिलेगी। बेरोजगारों को मिलेगा रोजगार धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि भुपेश सरकार की इस योजना से गौसेवा के लिए लोग भी जागरूक होंगे एंव इसका लाभ छत्तीसगढ़ के उन हजारों युवा बेरोजगारों को मिलेगा जो गौ सेवा के लिए समर्पित होकर कार्य करना चाहते हैं |
संक्रामक रोगों से बचाने मे होगा कारगार
अधिकारियों के अनुसार इससे गौवंश सहित अन्य मवेशीयों मे किसी भी तरह के संक्रामक रोग होने पर उनको नियंत्रित किया जा सकेगा। गलघेटु, एकटंगया जैसे रोगो के विरुद्ध पशुओं मे व्यापक रूप से प्रतिबंधात्मक टीकाकरण कार्य विभागीय अमले के सहयोग से किया जा सकेगा। इस योजना से प्रदेश के 26 लाख पशुपालक परिवार के 158 लाख पशुओं को चिकित्सा व अन्य सुविधा दी जायेगी।