चाइल्ड पोर्नोग्राफी वीडियो शेयर करने पर गिरफ्तारी: आरोपी नगर पंचायत अध्यक्ष का भाई…बच्चों के प्रति यौन आकर्षण एक बीमारी…कानून में कड़ी सजा
गरियाबंद। जिले में शनिवार देर शाम चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो शेयर करने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। मामला छुरा थाना क्षेत्र का है। आरोपी उज्ज्वल चंद्राकर (35 वर्ष) के बारे में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से राज्य पुलिस को जानकारी मिली थी।
आरोपी उज्ज्वल चंद्राकर लगातार चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करता था। जैसे ही गरियाबंद की छुरा पुलिस को ये जानकारी मिली, वैसे ही तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जब आरोपी के मोबाइल का डेटा खंगाला गया, तो उसमें कई अश्लील और आपत्तिजनक वीडियो मिले। आरोपी से पूछताछ के बाद पुलिस ने IT एक्ट की धारा 67 (बी) और 294 के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी उज्जवल चंद्राकर छुरा नगर पंचायत अध्यक्ष खोमन चंद्राकर का चचेरा भाई है।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सामग्री आजकल सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से वायरल किए जा रहे हैं। इसकी निगरानी NCRB करती है। फिर जहां का भी आरोपी होता है, उससे संबंधित जानकारी उस राज्य और जिले को भेजी जाती है, जिस पर स्थानीय पुलिस कार्रवाई करती है। एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक ने बताया कि आरोपी उज्ज्वल चंद्राकर को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने रविवार को उसे जेल दाखिल कराया है।
बच्चों के प्रति यौन आकर्षण एक बीमारी
बच्चों के प्रति यौन आकर्षण को पीडोफीलिया बीमारी के नाम से जाना जाता है। ICPF की रिपोर्ट बताती है कि भारत में करीब 70 लाख लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और इनमें भी चाइल्ड पोर्न देखने वाले 90% लोग पुरुष ही हैं। वहीं कई लोगों को किशोरों को सेक्शुअली देखना पसंद होता है। ये बीमारी हेबीफीलिया कहलाती है।
कानून में कड़ी सजा
पोर्न फिल्म मेकिंग, अश्लील वीडियो या फोटो शेयर करना, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी बनाना या देखना यह सब आईटी कानून 2008 की धारा 67 (ए) और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506, 509 के तहत आता है। कानून के तहत पहली बार अपराध करने पर 5 साल तक सजा और दस लाख का जुर्माना हो सकता है। वही दोबारा ये काम करने पर सजा को बढ़ाकर 7 साल कर दिया जाता है।
लैपटॉप में अश्लील कंटेंट सेव करना भी अपराध
चाइल्ड पोर्न के अलावा भारतीय कानून के तहत विदेशों से संचालित होने वाली पोर्नोग्राफी वेबसाइट के कंटेंट को अपने लैपटॉप में सेव करना भी अपराध की श्रेणी में आता है।