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ATS का हवाला मामले में बड़ा एक्शन…2 चीनी नागरिकों को किया गिरफ्तार…इस मामले में थे वांटेड।

यूपी एटीएस (ATS) को रविवार (24 जनवरी) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी. एटीएस द्वारा नोएडा से 2 चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें एक महिला भी शामिल है. साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड मामले में इनकी गिरफ्तारी हुई है. ये दोनों फर्जी सिम कार्ड के जरिए ऑनलाइन बैंक खाते खुलवाने और हवाला के जरिए पैसों के हेरफेर में काफी समय से वांटेड थे. इस मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

बता दें कि नोएडा से पकड़े गए दोनों चीनी नागरिकों के पासपोर्ट पिछले साल ही एक्सपायर हो चुके थे. ये दोनों अवैध रूप से भारत में रह रहे थे. इन दोनों की पहचान ली टेंग और जू जुंफू के रूप में हुई है. दोनों भारत में नकली पहचान पत्र से बैंक खाते खुलवाने के बाद अवैध तरीके से पैसे ट्रांसफर करते. ये लोग पहले से एक्टिवेटेड सिमों का उपयोग कर खोले गए बैंक खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में करते थे.

यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए आरोपी न केवल प्री-एक्टिवेटेड सिम मुहैया कराने में शामिल थे, बल्कि हवाला मामले में भी शामिल थे. बता दें कि दोनों चाइनीज नागरिक काफी मशक्कत के बाद के ATS के हत्थे चढ़े हैं. एटीएस ने इंटरपोल नोटिस भी जारी किया था. 17 जनवरी को इस मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

फिलहाल अब दोनों चाइनीज नागरिकों को कोर्ट में पेश किया गया है. उधर, ये पूरा मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं. यूपी एटीएस और पुलिस कड़ी जांच पड़ताल में जुट गई हैं.

मालूम हो कि यूपी एटीएस को जानकारी मिली थी कि कुछ लोग आपराधिक साजिश के तहत गैंग बनाकर बड़ी घटना को अंजाम दे रहे हैं. ये लोग फर्जी आईडी के आधार पर सिम हासिल कर अलग-अलग बैंकों में ऑनलाइन अकाउंट खोलकर मनी लॉन्ड्रिंग कर रहे हैं. साथ ही इन पैसों का इस्तेमाल क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए कर रहे हैं.

पूछताछ में पता चला है कि प्री-एक्टिवेट सिम को गुरुग्राम स्थित एक होटल के चाइनीज मालिक (पति और पत्नी) के निर्देश पर होटल के चाइनीज मैनेजर को देते थे. होटल मालिकों में से एक चीन में रहता है. आरोपी वी-चैट के जरिये इनसे जुड़े हुए थे. आरोपियों के निर्देश पर 150 भारतीय मोबाइल नंबरों पर व्हाट्स एप्प रजिस्ट्रेशन के लिए जनरेटेड OTP को वी-चैट के माध्यम से चाइनीज नागरिकों को शेयर किया था. हालांकि, इस बारे में जानकारी नहीं मिली है कि ये 150 भारतीय नंबर पर व्हाट्स एप्प कहां से और किसके जरिये चलाया जा रहा है.

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