CISF सिपाही भर्ती परीक्षा मे बड़ा फर्जीवाड़ा: यूपी के युवकों ने छत्तीसगढ़ के जाली दस्तावेज से दी भर्ती परीक्षा…6 आरोपी गिरफ्तार
भिलाई। उतई में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में चल रही आरक्षक भर्ती में फर्जी दस्तावेजों से किए गए बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए पुलिस ने छह युवकों को गिरफ्तार किया है। सिपाही भर्ती परीक्षा में धांधली करनेवाला यह गिरोह उत्तरप्रदेश का है। इस गिरोह ने सबसे पहले छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के नाम-फर्जी पते से 4 आधार कार्ड बनवाए जिसमें फोटो यूपी के लड़कों की लगी है। इनके साथ मार्कशीट और मूल निवास प्रमाणपत्र वगैरह भी यहां के फर्जी बना लिए गए।
चारों युवकों ने इन्हीं फर्जी दस्तावेजों पर लिखित परीक्षा दे दी और क्वालिफाई कर लिया। उसके बाद फिजिकल के लिए उनकी जगह आगरा के चार और युवकों को लाया गया। बुधवार को फिजिकल परीक्षा से पहले बायोमीट्रिक जांच में चारों के फिंगरप्रिंट मैच नहीं हुए। नहीं मिले। बाद में फोटो और दस्तावेजों का परीक्षण हुआ, तब भी चारों अलग निकले।
इसके बाद पुलिस ने आगरा से आए युवकों चंद्रशेखर सिंह, श्यामवीर सिंह, महेंद्र सिंह और अजीत सिंह को पकड़ा। उनकी निशानदेही पर आगरा के ही मास्टरमाइंड हरिओम दत्त और मुरैना (एमपी) के दुर्गेश सिंह को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया सीआईएसएफ में वर्ष 2021 को 1149 जनरल ड्यूटी के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ।
इसके बाद अप्रैल से नवंबर 2021 में लिखित परीक्षा हुई। मई 2022 से फिजिकल चल रहा है। फिजिकल उतई केंद्र में ही लिया जा रहा है। जिन चार युवकों के आधार कार्ड और दस्तावेजों पर आगरा से चार युवक फिजिकल देने पहुंचे थे, उनके नाम सुनील पाल, रॉबिन सिंह, धर्मपाल और उदयभान सिंह हैं।
अभी इनके बारे में पुलिस को पता नहीं चला है कि ये भी असली हैं या फर्जी। क्योंकि जांच में यह बात भी आ रही है कि फर्जी नाम और दस्तावेजों से चारों परीक्षाएं दुर्गेश ने ही दी थीं, क्योंकि तारीखें अलग थीं। दूसरी बात यह आई है कि इन चार युवकों से एजेंटों ने सलेक्शन के नाम पर 7-7 लाख रुपए वसूले, फिर फर्जी कागजात बनाकर लिखित परीक्षा में बैठाया।
इसके बाद उन्हीं के दस्तावेजों पर फिजिकल देने के लिए चार लड़कों को लाया गया, जो पकड़े गए। फिलहाल सभी आरोपियों को चारसौबीसी और साजिश के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। डोंगरगढ़ के जो नाम-पते दस्तावेजों में दर्ज हैं, उनकी तथा लिखित परीक्षा देने वाले उत्तरप्रदेश के युवकों की तलाश की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि सारे दस्तावेज फर्जी निकले हैं। दोनों मास्टरमाइंड के साथ चारों युवक किराए की कार से फिजिकल परीक्षा देने भिलाई पहुंचे थे। उनसे 41 हजार रुपए कैश भी मिला है। पकड़े गए आरोपियों में सुनील पाल की जगह चंद्रशेखर, रॉबिन सिंह की जगह श्यामवीर, धरमपाल की जगह महेंद्र और उदयभान सिंह की जगह अजीत फिजिकल देने वाले थे।
यूपी, हरियाणा, एमपी के गिरोह भर्ती परीक्षा के फर्जीवाड़े में माहिर
अफसरों के मिली जानकारी के मुताबिक इस तरह के गिरोह यूपी, एमपी और हरियाणा में पकड़े जा चुके हैं। गिरोह रेलवे तथा एसएससी परीक्षा के फर्जीवाड़े में माहिर है। गिरोह ऐसे अभ्यार्थियों की तलाश करते हैं जो परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
इनसे लिखित पास करवाने के लिए लाखों रुपए की डील होती है। दूसरा गिरोह फिजिकल परीक्षा के लिए हट्टे-कट्टे युवक तलाश करता है। तीसरा गिरोह फर्जी दस्तावेज तैयार करवाता है। शुरुआती जांच के बाद अफसरों का दावा है कि गिरफ्तार किए गए दुर्गेश ने ही फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। उसके मोबाइल से कई दस्तावेज बरामद हुए हैं। फिर उसने फिजिकल टेस्ट के लिए अपने गांव के ही 4 युवकों को तैयार किया था। चारों को एडवांस के तौर पर 10-10 हजार रुपए दिए गए। फिजिकल निकालने के बाद 1-1 लाख रुपए देने की डील हुई थी।
अनसुलझे सवाल
- डोंगरगढ़ के नाम-पते किसके हैं? वह सही हैं या गलत?
- लिखित परीक्षा पास करने वाले युवक कौन और कहां के?
- चारों की परीक्षा एक ही ने दी, तो पकड़ा क्यों नहीं गया?
- फर्जीवाड़ा सीआईएसएफ में ही या लिस्ट और लंबी?
- लिखित परीक्षा के दौरान सेंटर में चूक या षड्यंत्र?
तीन साल में रायपुर और उतई में पकड़े गए हैं गिरोह
1. एसएससी-2019 में फंसा था गैंग
रायपुर में 14 अगस्त 2019 को भर्ती परीक्षा में शामिल होने आए 32 युवकों को गिरफ्तार किया था। गिरोह का मास्टरमाइंड हरियाणा का था। हरियाणा, यूपी और भिलाई के युवकों के साथ मिलकर मास्टरमाइंड ने फर्जीवाड़ा किया था। मास्टरमाइंड ने ही 2 से 5 लाख रुपए लेकर लिखित परीक्षा और फिजिकल परीक्षा पास कराने का झांसा दिया था। जांच के बाद पुलिस ने 33 अन्य युवकों को आरोपी बनाया था।
2. ट्रेडमैन परीक्षा 2021 में भी
भोपाल पुलिस ने 24 अगस्त 2021 को उतई स्थित आरटीसी सेंटर में ट्रेडमैन भर्ती परीक्षा के दौरान फिजिकल परीक्षा देने आए दो युवकों को गिरफ्तार किया था। इनमें धर्मवीर निवासी ग्वालियर और जसपाल सिंह निवासी शिवपुरी शामिल थे। दोनों के खिलाफ उतई थाने में जीरो पर कायमी करके केस डायरी भोपाल के कोहेफिजा थाने को भेज दी गई थी। बाद में पुलिस ने एमपी में ही मुरैना की गैंग को पकड़ा था।