Bilaspur High Court News: कोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षक को नहीं मिली राहत…हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव को जारी किया अवमानना नोटिस
बिलासपुर। अंग्रेजी माध्यम स्कूल बनने के बाद व्याख्याता शिक्षक का तबादला आदेश जारी करने के मामले में हाई कोर्ट ने शिक्षक को राहत दी थी। लेकिन, कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें न तो उन्हें वेतन का भुगतान किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई। इस मामले में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शिक्षा सचिव को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
राज्य शासन ने शहर के साथ ब्लाक मुख्यालयों में पूर्व से संचालित हिंदी माध्यम स्कूल को अंग्रेजी माध्यम स्कूल बनाया गया है। शासन के प्रविधान के अनुसार उस स्कूल में पदस्थ शिक्षकों को शहर में पदस्थ किया जाना है। लेकिन, शासन के नियमों को दरकिनार कर शिक्षकों का स्थानांतरण कर दिया गया है। इसी तरह से तारबाहर स्कूल में पदस्थ व्याख्याता मार्टिना यादव की पदस्थापना दर्रीघाट स्कूल में कर दिया गया है। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने अपने अधिवक्ता राकेश झा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
इसमें बताया गया कि शासन के निर्देशों की अवहेलना करते हुए शहर से बाहर उनकी पदस्थापना की गई है। इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव को 60 दिनों के भीतर याचिकाककर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करने का आदेश दिया था। कोर्ट के इस आदेश के बाद भी समय सीमा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक याचिकाकर्ता को वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है।
इससे उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पर उन्होंने शिक्षा सचिव डा. आलोक शुक्ला को पक्षकार बनाने हुए हाई कोर्ट में न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की है। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने शिक्षा सचिव शुक्ला को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।