छत्तीसगढ़ ने PFRDA से मांगा 17,240 करोड़: पुरानी पेंशन योजना के लिए है जरूरी…राजस्थान सरकार की ऐसी ही मांग को इनकार कर चुका है प्राधिकरण
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पेंशन काेष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) से 17 हजार 240 करोड़ रुपए वापस मांगे हैं। यह रकम नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों और सरकार के अंशदान के तौर पर प्राधिकरण के पास जमा है। इस रकम का इस्तेमाल राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन दायित्वों के भुगतान में करना चाहती है। मुश्किल यह है कि राजस्थान सरकार की ऐसी ही मांग को PFRDA पहले ही मना कर चुका है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकारी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा आदि का हवाला देकर 9 मार्च 2022 को पुरानी पेंशन योजना बहाली की घोषणा की थी। पिछले सप्ताह सरकार ने पुरानी पेंशन योजना काे लागू करने का आदेश राजपत्र में प्रकाशित कर दिया। इसी के साथ नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन हो रही 10% की कटौती भी बंद कर दिया गया। अब वित्त विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी. ने पेंशन काेष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA), नई दिल्ली के चेयरमैन को पत्र लिखा है।
इस पत्र में उन्होंने कहा है, नवीन पेंशन योजना के तहत नियोक्ता के तौर पर राज्य सरकार के योगदान की कुल राशि और कर्मचारी के अंशदान की संयुक्त हिस्सेदारी का वर्तमान बाजार मूल्य 17 हजार 240 करोड रुपए है। यह राशि छत्तीसगढ़ सरकार को शीघ्र लौटाई जाए। वित्त सचिव ने बताया है, NSDL यानी नेशनल सेक्यूरिटीज एंड डिपॉजिटरी लिमिटेड से प्राप्त होने वाली नवीन पेंशन योजना के खातों में की गई सरकारी अंशदान की राशि का वर्तमान बाजार मूल्य भविष्य की पेंशन देनदारियों को पूरा करने के लिए उपयोग किया जाएगा। इसे राज्य सरकार के लोक लेखा के तहत अलग पेंशन फंड में रखा जाएगा। इसके अलावा, पिछले वित्तीय वर्ष की पेंशन देनदारियों के 4% के बराबर राशि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वित्तीय वर्ष में इस पेंशन फंड में निवेश की जाएगी।
किस आधार पर आया 17,240 करोड़ का आंकड़ा
वित्त सचिव ने अपने पत्र में बताया है, छत्तीसगढ़ सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार राज्य सरकार ने एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 की अवधि के दौरान 11 हजार 850 करोड़ रुपए कर्मचारी और नियोक्ता अंशदान को NSDL को हस्तांतरित किया है। NSDL ने बताया है, इस जमा राशि का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 17 हजार 240 करोड़ रुपए बनता है।
अब हर कर्मचारी का नया GPF खाता
वित्त सचिव अलरमेलमंगई डी. ने बताया है, राज्य सरकार ने नवीन पेंशन योजना के साथ पंजीकृत प्रत्येक कर्मचारी के लिए एक नया GPF (सामान्य भविष्य निधि) खाता खोला है। अब सरकारी कर्मचारियों के वेतन से मूल वेतन का न्यूनतम 12% काटा जाएगा। यह रकम सामान्य भविष्य निधि नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारियों के छत्तीसगढ़ GPF खातों में जमा होगा।
राजस्थान सरकार के साथ क्या हुआ था
राजस्थान सरकार ने भी पुरानी पेंशन योजना लागू की है। राजस्थान सरकार के वित्त सचिव ने पिछले महीने PFRDA को पत्र लिखकर नवम्बर 2004 से अब तक सरकार और कर्मचारियों के अंशदान के 39 हजार करोड़ रुपए वापस मांगे। जवाब में दो मई को उन्हें PFRDA के असिस्टेंट जनरल मैनेजर का पत्र मिला। वहां से कहा गया था, ऐसा कोई प्रावधान उपलब्ध नहीं है, जिसके तहत नवीन पेंशन योजना के लिए पहले से ही किए जा चुके सरकारी अंशदान और कर्मचारियों के अंशदान के रूप में जमा किए गए पैसे को रेवेन्यु रेसिप्ट के तौर पर राज्य सरकार को वापस किया जा सकता हो।