छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत ने जोगीदादर गांव की गौशाला का किया निरीक्षण
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग अध्यक्ष महामंडलेश्वर राजेश्री महंत रामसुन्दर दास महाराज जगन्नाथपुरी प्रवास के दौरान गुरुवार को महासमुंद से गुजरते हुए पिथौरा ब्लॉक के ग्राम जोगीदादर में संचालित गोशाला का निरीक्षण किया। वे तीन दिवसीय ओडिशा प्रवास पर हैं। गौशाला समिति के सदस्यों ने बड़े ही आत्मीयता पूर्वक उनका हरिनाम संकीर्तन के साथ स्वागत किया। उन्होंने गौ माताओं की उचित रखरखाव, पालन-पोषण तथा उनके स्वास्थ्य से संबंधित जानकारियां ली।
गौशाला संचालकों से पूछा कि डॉक्टर यहां गौ माताओं की स्वास्थ्य परीक्षण के लिए आते हैं या नहीं? उन्होंने बताया कि वे आते ही रहते हैं विशेष अनुरोध पर भी उपस्थित होते हैं, आवश्यकता अनुसार उपचार करते हैं। सभी गौ माताओं की वैक्सीनेशन के बारे में भी उन्होंने जानकारियां ली। राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि गौ माता की सेवा हम सभी को मन लगाकर करनी चाहिए। धर्म शास्त्रों के अनुसार चार लाख चौरासी हजार योनि बताए गए हैं। इनमें एक मात्र गौमाता ही वह प्राणी है जो मनुष्य के मरने के पश्चात भी उसे वैतरणी पार लगाती है।
किसी भी व्यक्ति की मृत्यु को प्राप्त हो जाने के पश्चात विशेषकर सनातन धर्मावलंबियों में कपिला तर्पण किया जाता है, दिवंगत की आत्मा के उद्धार करने के लिए गौ माता की पूंछ को उनके हाथ में रखकर संकल्प लिया जाता है। यदि जीते जी गौ माताओं की सेवा कर सकें तो मनुष्य का उद्धार निश्चित हो जावेगा। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने सामर्थ्य के अनुसार गौ माता की निश्छल मन से सेवा करनी चाहिए।
इसका फल समय आने पर निश्चित ही मिलेगा। गौशाला निरीक्षण के समय राजेश्री महन्त जी महाराज के साथ शिवरीनारायण मठ मंदिर के मुख्तियार सुखराम दास जी, हर्ष दुबे, ओम प्रकाश यादव, गौशाला संचालन समिति के सभी पदाधिकारी गण, हरि नाम संकीर्तन करने वाले कीर्तन मंडली आदि उपस्थित थे।