बिलासपुर

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने CIMS में अव्यवस्थाओं पर अफसरों को लगाई फटकार: कलेक्टर से कहा- टाई तो लगा लेते…पूछा- कहां है ड्रेस कोड

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण को कोट और टाई पहनकर नहीं आने पर जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कलेक्टर से कहा कि कम से कम टाई तो लगा ही लेते। शीतकालीन अवकाश के बीच गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

दरअसल, CIMS में अव्यवस्था, दवाओं की कमी, पार्किंग की समस्या को लेकर कई खबरें प्रकाशित हुई हैं। इसे लेकर हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस ने जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल के साथ मामले की सुनवाई की। इस दौरान कलेक्टर अवनीश शरण और सिम्स डीन डॉ. केके लहरे को तलब किया गया था।

कोर्ट ने पूछा- आपका ड्रेस कोड कहां है महोदय

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने कलेक्टर अवनीश शरण से पूछा कि आप बिना ड्रेस कोड के कोर्ट में कैसे पहुंच गए? इस पर कलेक्टर ने बताया कि, वे दफ्तर में थे। इसी बीच उन्हें कोर्ट आना पड़ा। तब चीफ जस्टिस ने कहा, टाई तो लगाकर आना चाहिए था। दरअसल, कलेक्टर के ड्रेस कोड में कोट-पैंट और टाई निर्धारित है।

आप फोटो खिंचाएं, पर व्यवस्था में भी सुधार हो

चीफ जस्टिस सिन्हा ने CIMS की अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कलेक्टर से कहा कि, कल आप सिम्स गए थे। यह हमें अखबारों से पता चला है। आप जाइये, फोटो खिचाइए, लेकिन, निरीक्षण के बाद अव्यवस्थाओं पर भी ध्यान दें। जो खामियां मिली है उसे दूर करना भी चाहिए।

डीन से पूछा- 2021 से क्या कर रहे हैं

बेंच ने CIMS के डीन डॉ. केके लहरे को भी फटकार लगाई। पूछा कि, डीन यहां कब से पोस्टेड हैं। जब डीन ने बताया कि 2021 से तो कोर्ट ने सवाल किया कि इतने सालों से क्या कर रहे हैं? कोर्ट ने कहा कि, केवल निरीक्षण करना ही काम नहीं है। खामियों को दूर करने के लिए आपने क्या किया?

तब डीन डॉ. सहारे ने बताया कि वो 2021 से हैं। इस पर कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि इतने सालों से आप क्या कर रहे हैं। केवल निरीक्षण करना ही काम नहीं है। खामियों को दूर करने के लिए आपने क्या किया है। इस पर डीन डॉ. लहरे चुप्पी साधे रहे। इस पर कोर्ट ने कलेक्टर से अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए कहा।

सिम्स और जिला अस्पताल में दवाइयों की कमी क्यों?

हाईकोर्ट ने कहा कि CIMS और जिला अस्पताल में दवाइयों की कमी है। CGMC दवाएं नहीं दे रहा है, यह सब क्या है? राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर फंड दे रही है, जिसके बाद भी इस तरह की स्थिति क्यों है? दवाइयां सप्लाई नहीं करने पर डिवीजन बेंच ने CGMC के मैनेजिंग डायरेक्टर को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई 17 जनवरी को होगी।

कलेक्टर बोले- लंबे समय से पदस्थ डॉक्टर हटाए जाएंगे

सुनवाई के दौरान कलेक्टर अवनीश शरण ने कोर्ट को बताया कि उनके निर्देश के बाद से खामियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है। चीफ सेक्रेटरी ने दिशा-निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि CIMS में मैनेजमेंट की समस्या है, जिसे दूर करने के लिए लंबे समय से पदस्थ डॉक्टरों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

पीडब्यूडी, नगर निगम, CGMC सब मिलकर कर रहे हैं काम

कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा कि, CIMS में मूल रूप से तीन तरह की अव्यवस्थाएं हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर , क्लिनिकल और मैनेजमेंट की। उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर का 75 फीसदी काम हो गया है। क्लिनिकल में दिक्कत यह है कि डॉक्टर सहित ज्यादातर स्टाफ लंबे समय से पदस्थ है। उनके ट्रांसफर करने की व्यवस्था बनाई जा रही है।

रेलवे में पार्किंग की समस्या पर भी मांगा जवाब

रेलवे क्रासिंग सहित रेलवे की अव्यवस्था को लेकर चल रही जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की। चीफ जस्टिस सिन्हा ने रेलवे की पार्किंग की समस्या और अवैध वसूली को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने इस मामले में भी कलेक्टर से कहा कि आप स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान दे रहे हैं। लगातार निरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन रेलवे की समस्या पर कौन ध्यान देगा।

इस पर कलेक्टर ने डीआरएम से चर्चा करने की बात कही। तब कोर्ट ने रेलवे के डीआरएम को इस मामले में शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा है। साथ ही इस तरह की अव्यवस्थाओं को दूर करने का प्रयास करें। कोर्ट ने जनहित याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तारीख तय की है।

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