छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट सख्त: ग्रामीण मोबाइल मेडिकल यूनिट में अनियमितता के मामले में हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को किया तलब…27 सितंबर को देना होगा
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ग्रामीण मोबाइल मेडिकल यूनिट (आरएमएमयू) में आर्थिक अनियमितता और आदिवासियों की जान से खिलवाड़ करने के मामले में सरकार का जवाब नहीं आया। इस बात से नाराज हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को व्यक्तिगत रुप से तलब किया है। कोर्ट ने पाया कि मामले के लिए अब तक ऑफिसर इन चार्ज तक नियुक्त नहीं किया गया है। इस मामले में 27 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने कहा गया है। बता दें कि इससे पहले याचिका पर सुनवाई होने के बाद हाईकोर्ट ने 3 सप्ताह में सरकार से जवाब मांगा था, लेकिन डेढ़ साल से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी जवाब नहीं आया।
रायपुर निवासी संजय तिवारी ने अधिवक्ता हरि अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि राज्य सरकार ने अनुसूचित क्षेत्र के 16 जिलों के लिए आरएमएमयू योजना बनाकर टेंडर जारी किया। विभिन्न नियम शर्तों वाले इस टेंडर को जय अंबे इमरजेंसी सर्विस लिमिटेड कंसोटियम सम्मान फाउंडेशन ने प्राप्त किया है। काम मिलने के बाद पब्लिक मनी में भारी अनियमितता की। इसकी शिकायत होने पर सरकार ने ठेका कंपनी के खिलाफ जांच कराई। रिपोर्ट आने के बाद भी कार्रवाई नहीं की।
नोडल अधिकारी ने 2020 में प्रस्तुत की थी रिपोर्ट
मामले की जांच के लिए नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी ने जांच कर 30 जुलाई 2020 को रिपोर्ट संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं को भेजी। जहां एमबीबीएस रखने थे वहां होम्योपैथी और डेंटल डॉक्टर रखे गए हैं। जिनका नाम दिया गया है, वह भी गलत हैं। मई और जून 2020 का सर्वे भी किया गया। इसमें पाया गया कि कंपनी 787 दिन का बिल पेश की है जबकि जीपीएस लोकेशन में 319 दिन ही वाहन चलने का पता चला। सितंबर 2019 से जून 2020 तक 97 मरीज ही ओपीडी में पहुंचे।
पुरानी एंबुलेंस में 30 मरीजों का जांच होना बताया था
सरकार के ठेका में कई शर्तें थी। इनमें हर एंबुलेंस में एमबीबीएस डॉक्टर व नर्सिंग टीम होनी चाहिए। एंबुलेंस साल 2017 से पुरानी नहीं होनी चाहिए। साथ ही 30 मरीजों की जांच प्रति दिन करनी होगी। इन शर्तों पर ठेका कंपनी ने 2018 में 5 साल के लिए एग्रीमेंट किया। कुछ दिनों बाद ही कंपनी अनियमितता करना शुरू कर दी। जिन गाड़ियों को चलना बता रहे हैं, वह खड़ी थी, इलाज नहीं हो रहा था, डॉक्टर व उपकरण की कमी और एंबुलेंस पुरानी मिली।