छत्तीसगढ़

कोरोना काल में जरूरतमंदों की मददगार बनी छत्तीसगढ़ पुलिस

Corona Pandemic: कोरोना संकटकाल के दौरान रायपुर पुलिस ने दिन-रात की परवाह किए बगैर घरबार छोड़कर काम किया। सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ने के कारण दूसरे राज्य के सैकड़ों लोग फंस गए थे, तब कामधाम छोड़कर अपने-अपने घरों की ओर भूखे-प्यासे पैदल, ट्रक में सवार होकर लौट रहे प्रवासी मजदूरों की मदद करने पुलिस परिवार सामने आया। अनलॉक तक लगातार जरूरतमंदों को न केवल भोजन के पैकेट बांटे, बल्कि राशन, कपड़े, नंगे पांव सड़क पर चलने वालों को चप्पल, जूते भी दिए।

सड़क पर दिन रात चौकसी रखने के दौरान अफसर से लेकर पुलिस जवान कोरोना संक्रमित होने से बच नहीं पाए, फिर भी हार नहीं मानी। कोरोना से जंग जीतकर वापस लौटते ही फिर से मोर्चा संभाल लिया। जवानों की चौकसी के कारण ही लाखों प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित घर वापसी हो सकी। कोरोना संकटकाल के दौरान आम ही नहीं खास आदमी भी परेशान रहा।

लॉकडाउन के कारण रेल और बस सेवाएं बंद होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राजधानी रायपुर की सड़कें सूनी हो गईं। चारों तरफ केवल वर्दीधारी ही दिन रात चौकसी करने में जुटे रहे। इस दौरान कई शहर की कई विकास कार्यों को भी गति मिली। पूरी सतर्कता बरतते हुए सड़कों और अन्य विकास कार्यों को गति मिली।

पुलिस परिवार ने पेश की मिसाल

कोरोना काल में पुलिस में आरक्षक से लेकर आईजी स्तर के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी से निर्वहन किया। परिवार से दूर रहकर न केवल ड्यूटी की बल्कि लाकडाउन के कारण तकलीफ झेल रहे लोगों की हर स्तर पर मदद की। हेडकांस्टेबल परमानंद सिंह की प्रेरणा से उनके बेटे परमवीर सिंह, रणवीर सिंह ने पुलिस परिवार के युवाओं का समूह बनाकर दिनरात जरूरतमंदों की आर्थिक मदद करते रहे। इस दौरान खुद भी परिवार के आठ सदस्यों के साथ कोरोना संक्रमित हो गए। फिर भी हार नहीं मानी। स्वस्थ्य होकर लौटते ही फिर से अपने काम में जुट गए।

अपने से दूर होकर करते रहे काम

लॉकडाउन में ड्यूटी के दौरान एएसपी सिटी लखन पटले, एएसपी ग्रामीण तारकेश्वर पटेल, आमानाका थाना प्रभारी भरत बरेठ,मौदहापारा थाना प्रभारी यदूमणि सिदार, साइबर सेल प्रभारी आरके साहू, मो.याकूब मेमन समेत कई पुलिस अधिकारी भी कोरोना संक्रमित हुए, लेकिन उनका काम करने का जज्बा फिर भी कम नहीं हुआ। अपने परिवार से दूर रहकर कोरोना से जंग जीतकर वापस मैदान में उसी जोशो खरोस के साथ लौटे।

आईजी काबरा की मुहिम रंग लाई

कोरोना वायरस के डर ने लोगों के बीच दूरियां भी बढ़ा दी थीं। यहां तक कि पड़ोसी भी साथ देने से कतराने लगे थे। ऐसे में अधिकतर दवाखाने बंद होने से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोगों को भटकना पड़ा। निजी अस्पताल सामान्य मरीजों की जांच करने को राजी नहीं थे। ऐसे में लोगों की सहायता के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस आगे आई। बिलासपुर आइजी रह चुके और वर्तमान में परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने उप्र पुलिस की मुहिम से प्रभावित होकर सोशल मीडिया के माध्यम से खून, दवा और सामान्य स्वास्थ्य सहित हर तरह की सहायता के लिए पुलिस बल को तैयार किया।

जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो, इसके लिए यह अभियान शुरू किया है। इस मुहिम में अलग-अलग जिलों के रक्तदाता से लेकर सामाजिक और स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल होती गईं और हर जिले में मदद पहुंचाना आसान हो गया है। जिलों में स्थित पुलिस लाइन के माध्यम से रक्तदान कर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराया गया।

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