
देश में ओडिशा के बाद छत्तीसगढ़ के बच्चे सबसे अधिक मलेरिया पीड़ित
रायपुर। छत्तीसगढ़ में मलेरिया उन्मूलन के तमाम दावों के बीच राज्य के बच्चे मलेरिया से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण बच्चों में कुपोषण और प्रतिरोधक क्षमता की कमी होना बताया जा रहा है। हालांकि, कुपोषण और मलेरिया मुक्ति को लेकर राज्य सरकार की योजनाएं चल रही हैं, लेकिन स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक देश में छत्तीसगढ़, ओडिशा के बाद ऐसा दूसरा राज्य है, जहां पर 15 वर्ष तक के बच्चे सबसे अधिक मलेरिया बीमारी के शिकार हुए हैं। राज्य में पंजीकृत मामलों में 2017 में मलेरिया के कुल 1,40,727 मरीज सामने आए थे। इसमें 60,524 बच्चे शामिल हैं। इसी तरह वर्ष-2018 में कुल 78,717 मरीजों में 39,223 बच्चे, साल 2019 में कुल 60,458 मरीजों में 30,532 बच्चे, साल 2020 में कुल 23,187 मरीजों में 18,142 बच्चे मलेरिया के शिकार हुए हैं।
यानी सामान्य लोगों की तुलना में बच्चे अधिक प्रभावित हैं। चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक बस्तर, सरगुजा और वनांचल में सबसे अधिक मलेरिया के मामले सामने आते हैं। यहां पर कुपोषण और प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से बच्चे मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं। मलेरिया मुक्त अभियान के दौरान सर्वे में सामने आया है कि कई बच्चों में मलेरिया के अंश बिना किसी लक्षण के होते हैं, जो प्रतिरोधक क्षमता कम होने और अन्य बीमारियां होने की स्थिति में सामने आते हैं।
मुख्य पांच राज्य, जहां बच्चों (0 से 15) में मलेरिया के सबसे अधिक केस
राज्य – 2017 – 2018 – 2019 – 2020
ओडिशा – 1,67,798 – 27,670 – 11397 – 18,492
छत्तीसगढ़ – 60,524 – 39,223 – 30,532 – 18,142
झारखंड – 41,237 – 21,939 – 16,177 – 8,282
उत्तरप्रदेश – 32,345 – 30,762 – 29,978 – 8,403
मध्यप्रदेश – 18,646 – 7,714 – 4,671 – 2663
छत्तीसगढ़ में मलेरिया से मौत
वर्ष – मौत
2017 – 81
2018 – 39
2019 – 31
2020 -08
छत्तीसगढ़ में परजीवी सूचकांक की दर (एपीआइ)
वर्ष – एपीआइ दर
2005 – 08
2010 – 6.14
2015 – 5.21
2020 – 1.17
देश में 0 से 15 वर्ष आयु के बच्चों में मलेरिया के मामले
वर्ष – केस
2017 – 3,65,591
2018 – 1,56,984
2019 – 1,12,719
2020 – 69,978
बच्चों में सबसे अधिक मलेरिया आने का मुख्य कारण उनके एक्सपोज होने और कुपोषण, प्रतिरोधक क्षमता कम होना है। राज्य में मलेरिया मुक्त अभियान लगातार चलाए जाने की वजह से ऐसे मामलों में काफी कमी आई है। इसके अलावा जिला अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर मलेरिया की जांच और निश्शुल्क दवा भी बच्चों के साथ बड़ों को बांटी जा रही है। साल 2025 तक मलेरिया मुक्त राज्य का लक्ष्य रखा गया है। उस दिशा में बेहतर कार्य कारने प्रयास लगातार जारी है -डॉ. सुभाष मिश्रा, संचालक, राज्य महामारी नियंत्रक