छत्तीसगढ़ की बेटी को भूपेश सरकार से मदद की आस: 36वीं राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के लिए चयन…लेकिन गुजरात जाने के लिए पैसे नहीं
जशपुर। जिले की साइकिल रेसर बेटी एलिजाबेथ बेक का चयन गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के लिए हुआ है, लेकिन उनके पास वहां जाने के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में अब उन्हें शासन-प्रशासन से मदद की उम्मीद है। इधर अधिकारियों का कहना है कि चूंकि ये एक ओपन प्रतियोगिता है, इसलिए उनके पास इस मद में कोई राशि नहीं है। गुजरात में 27 सितंबर से 10 अक्टूबर तक 36वीं राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन होना है।
साइकिलिस्ट एलिजाबेथ बेक जिला मुख्यालय जशपुर से लगभग 80 किलोमीटर दूर बगीचा ब्लॉक के ग्राम महादेवडांड़ में रहती हैं। उनके पिता हेरमोन बेक किसान हैं। वे पिछले एक दशक से साइकिल रेस प्रतियोगिता में शामिल हो रही हैं। एक सप्ताह पहले ही एलिजाबेथ को राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में चयनित होने की सूचना मिली थी, जिससे उनके परिवार में खुशी का माहौल बन गया। लेकिन अब उन्हें ये चिंता है कि उनकी होनहार बेटी आखिर किस तरह से प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए गुजरात जाए, क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं।
एलिजाबेथ ने DEO जेके प्रसाद और अपर कलेक्टर लवीना पांडे से भी मुलाकात की, लेकिन उन्होंने ओपन प्रतियोगिता के लिए राशि नहीं होने की बात कहकर असमर्थता जाहिर कर दी।
इधर, साइकिलिस्ट एलिजाबेथ दोगुने उत्साह के साथ राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल पाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही हैं। पिता हेरमन ने बताया कि उनकी बेटी को बचपन से ही साइकिलिंग का शौक था। पिता की साइकिल से ही उन्होंने इसे चलाना सीखा था। पिता हेरमन ने बताया कि इसके बाद साइकिलिंग चलाना एलिजाबेथ का पैशन बन गया। उन्होंने इसी में अपना करियर बनाना डिसाइड किया। उन्होंने कहा कि वे बेटी की उपलब्धियों से बहुत खुश हैं।
एलिजाबेथ बेक ने बताया कि स्कूल की पढ़ाई के बाद वे अंबिकापुर चली गई थीं। यहां कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही वे साइकिल रेस में हिस्सा लेने की तैयारी करने लगीं। साइकिलिस्ट ने बताया कि अपनी डायट संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए वो निजी क्लीनिक में काम करती थी। इस बीच 2015 में एलिजाबेथ ने सरगुजा के मैनपाट कार्निवाल में आयोजित साइकिल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में सामान्य साइकिल से एलिजाबेथ ने प्रथम स्थान हासिल कर सबको हैरान कर दिया था।
एलिजाबेथ के इस प्रदर्शन से प्रभावित होकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने उसे लगभग एक लाख रुपए की रेसिंग साइकिल भेंट की। रेसिंग साइकिल मिलने के बाद एलिजाबेथ ने अपने प्रदर्शन को और निखारा। उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में जीत हासिल की, जिससे उनका हौसला बुलंद हो गया। अब गुजरात में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के लिए उनका चयन हुआ है।
आर्थिक तंगी बन रही सफलता की राह में रोड़ा
36वीं राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में शामिल होने के रास्ते में आर्थिक तंगी आड़े आ रही है। एलिजाबेथ का कहना है कि उनके पास बस और रेल के किराए के लिए रुपए नहीं हैं। परिवार भी अपनी चैंपियन बेटी की सहायता नहीं कर पा रहा और अधिकारियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। हालांकि कुछ स्वयंसेवी संगठन ने खिलाड़ी की मदद के लिए रुचि दिखाई है।