छत्तीसगढ़ में छाया मानसून: एंट्री के बाद सभी जगह पहुंचता था 2-3 दिन में…इस बार 5 दिन…पिछले 30 साल में ऐसा पहली बार
रायपुर। मानसूनी बादलों ने सोमवार को पूरा छत्तीसगढ़ कवर कर लिया और लगभग सभी जगह अच्छी बारिश हुई। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब बस्तर में मानसून 16 जून को ही दाखिल हो गया, लेकिन प्रदेश में फैलने में 5 दिन लग गए। जब अब तक मानसून छत्तीसगढ़ में प्रवेश से 48 घंटे के भीतर पूरे प्रदेश में फैलता रहा है और बस्तर से सरगुजा तक बारिश शुरू हो जाती है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह पिछले 30 साल में पहली बार हुआ है, जब मानसून बंगाल की खाड़ी के सिस्टम के बजाय अरब सागर के सिस्टम से छत्तीसगढ़ में न सिर्फ दाखिल हुआ, बल्कि पूरे प्रदेश में फैल भी गया। इसी वजह से बादलों की रफ्तार कम रही।
बंगाल की खाड़ी में तूफान के असर से छत्तीसगढ़ में मानसूनी बादल तेज रफ्तार से दाखिल होकर फैलते हैं। लेकिन इस बार 20 जून, सोमवार तक खाड़ी में खामोशी है, यानी कोई ताकतवर सिस्टम या चक्रवात बना ही नहीं है। छत्तीसगढ़ में पिछले 17 साल में मानसून केवल दो बार ही समय पर यानी 10 जून को पहुंचा है। पिछले साल मानसून 1 दिन की देरी से 11 जून को पहुंचा था। इस साल 6 दिन की देरी हो गई।
बस्तर से सरगुजा तक मानसूनी बारिश, दो-तीन दिन में और बढ़ेगी
मानसून के बादल सोमवार को रात तक पूरे प्रदेश में बरस गए है। बादलों की रफ्तार भले ही कम है, लेकिन बारिश ठीक हो गई है। अभी रायपुर संभाग में राजधानी और आसपास ही बारिश कुछ कम है। सोमवार को शाम साढ़े 8 बजे तक रायपुर में बमुश्किल 2 मिमी ही बारिश हुई, हालांकि घने बादलों से दिनभर बारिश जैसे हालात बने रहे।
शेष बाकी संभागों में अच्छी मानसूनी वर्षा रिकार्ड की गई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में एक-दो दिन में ताकतवर सिस्टम बनने लगेगा। उससे यहां मानसून की बारिश और अच्छी होगी। अभी मानसून के अलावा प्रदेश में दो द्रोणिकाओं का असर भी है।
एक द्रोणिका पश्चिम उत्तरप्रदेश से बांग्लादेश तक तथा दूसरी दक्षिण छत्तीसगढ़ से दक्षिण तटीय आंध्रप्रदेश तक 0.9 किमी ऊंचाई पर सक्रिय है।
सभी संभागों में अच्छी वर्षा
मौसम केंद्रों के अनुसार बलौदाबाजार, बिलासपुर, मुंगेली में पिछले 24 घंटे में 4 सेमी, कवर्धा, भाटापारा, बेमेतरा, पिथौरा, बैकुंठपुर, मस्तूरी और रायपुर आउटर में 3 सेमी तथा रायगढ़, राजनांदगांव, चांपा, राजिम, अभनपुर, डोंगरगढ़, नवागढ़ में 2 सेमी बारिश हुई।
इस बार चाल ही अलग
विशेषज्ञ के अनुसार मानसून चाहे समय पर प्रदेश में दाखिल हुआ चाहे देरी से, इसे फैलने में दो दिन से ज्यादा कभी नहीं लगे। विशेषज्ञों के मुताबिक 30 साल में पहली बार इस साल मानसून की चाल ही अलग है। बस्तर में दाखिल होते ही यह रफ्तार से दुर्ग तक पहुंच गया और रुका।
दुर्ग से रायपुर की दूरी महज 40 किमी है, लेकिन यहां पहुंचने में तीन दिन और लग गए। रायपुर में 19 तारीख को मानसून की घोषणा हुई। यहां से बिलासपुर-सरगुजा के उत्तरी हिस्से तक मानसून 20 जून को यानी एक दिन में पहुंचा। वहां कई जगह शाम तक अच्छी बारिश हो गई।