पूर्वी लद्दाख में सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन ने साइबर अटैक कर देशभर में बिजली आपूर्ति ठप करने की साजिश रची थी। वह चाहता था कि भारत डर जाए और सीमा पर ज्यादा आक्रामक रवैया नहीं अपनाए। चीन ने अपने हैकर्स समूह रेड इको के जरिए भारत के बिजली तंत्र पर मालवेयर शेडो पैड के जरिए यह हमला किया था।
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मुंबई में पिछले साल ऐतिहासिक रूप से बिजली गुल हुई थी, इसकी यही वजह मानी जा रही है। बिजली मंत्रालय ने सोमवार को माना कि इस साइबर अटैक को लेकर सीईआरटी ने बिजली कंपनी को 19 नवंबर 2020 को इस बारे में मेल भेज कर आगाह किया थाा। मंत्रालय ने बताया कि 19 नवंबर को कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम यानी सीईआरटी से प्राप्त मेल को देशभर के बिजली आपूर्ति केंद्रों को भेज दिया गया था। उसके अनुसार सभी केंद्रों ने इस खतरे से निपटने के उपाय किए थे।
बिजली मंत्रालय ने कहा कि इसके बाद एनसीआईआईपीसी ने 12 फरवरी को मेल के जरिए सूचित किया था कि चीन के सरकार समर्थित हैकर्स समूह रेड इको समूह ने भारत के क्षेत्रीय बिजली वितरण केंदों व राज्य वितरण केंद्रों के सिस्टम में मालवेयर वायरस भेजकर इसे ठप करने की साजिश रची है। एनसीआईआईपी का गठन आईटी एक्ट 2000 के तहत 16 जनवरी 2014 को किया गया था। इसका काम देश के महत्वपूर्ण सूचना ढांचे की रक्षा करना है। बिजली मंत्रालय ने कहा कि सीईआरटी से नवंबर 2020 में चीन के साइबर हमले की सूचना मिलते ही एहतियाती कदम उठा लिए गए थे।
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मुंबई बिजली गुल में था चीन का हाथ!
इस बीच न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल मुंबई में हुई ऐतिहासिक बिजली गुल के पीछे चीन का हाथ था। चीन चाहता था कि सीमा पर जारी तनाव को लेकर भारत ज्यादा कड़ा रवैया नहीं अपना सके, इसलिए उस पर साइबर अटैक किया जाए। मुंबई के मेगा बिजली कट के पीछे चीन था। उसके साइबर अटैक की वजह से मुंबई में बिजली गुल हुई थी।
शेडो पैड था मालवेयर का नाम
चीन ने भारत की बिजली आपूर्ति ठप करने के लिए शेडो पैड नाम का मालवेयर वायरस तैयार किया था। इसे देश के बिजली आपूर्ति सिस्टम में घुसाकर पूरे देश की बिजली आपूर्ति ठप करने की साजिश थी।
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