बीजापुर

बंधक जवान को रिहा कराने वाली टीम को सीएम ने किया सम्‍मानित…जवान की थपथपाई पीठ

रायपुर। मुख्यमंत्री ने नक्सलियों के कब्जे से कोबरा बटालियन के जवान को रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम के सदस्यों काे सम्‍मानित किया। जवान का हौसला बढ़ाया। जवान की बहादुरी पर पीठ थपथपाई। मध्यस्थ टीम के सदस्य जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को उनके घर सकुशल छोड़ने जम्मू जाएंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में नक्सलियों के कब्जे से रिहा हुए कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास और उन्हें रिहा कराने वाली मध्यस्थ टीम के सदस्यों ने मुलाकात की। टीम में धर्मपाल सैनी, जय रुद्र करे, तेलम बौरैया, सुखमती हप्का और कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास तथा पत्रकार गणेश मिश्रा और मुकेश चंद्राकर शामिल रहे।

मुख्यमंत्री ने उनका शाल और श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और उद्योग मंत्री कवासी लखमा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कोबरा बटालियन के जवान को रिहा कराने के लिए मध्यस्थ टीम ने संकट के समय में बड़ी सूझबूझ का परिचय देते हुए बड़े सहज रूप से अपने काम को अंजाम तक पहुंचाया और जवान को सकुशल रिहा कराने में सफल हुए।

इस कार्य की जितनी भी सराहना की जाए कम है। इस पूरे घटनाक्रम पर पूरे देश की नजर थी। जवान के रिहा होने पर छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश ने राहत की सांस ली। टीम के सदस्यों ने एक जिम्मेदार नागरिक का दायित्व निभाया और साहस के साथ अपनी भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जवान राकेश्वर सिंह मन्हास की माता जी को उन्होंने मन्हास की सकुशल वापसी का वचन दिया था। मुझे संतोष है कि सभी के सहयोग से यह वचन पूरा हुआ।

मध्यस्थ टीम के सदस्यों, स्थानीय सामाजिक नेताओं, सामाजिक संगठनों, पत्रकारों, स्थानीय अधिकारियों की सूझबूझ और प्रयासों से मन्हास की सकुशल वापसी हुई है। मध्यस्थ टीम राकेश्वर सिंह मन्हास को उनके घर तक सकुशल छोड़ने के लिए जम्मू जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस काम में सहयोग देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने मध्यस्थ टीम के सदस्यों द्वारा समाज में शांति स्थापना के लिए किए जा रहे कार्यो की प्रशंसा की। मध्यस्थ टीम के सदस्य पद्मश्री धरमपाल सैनी, माता रूखमणी आश्रम डिमरापाल, बस्तर के संस्थापक हैं। जयरूद्र करे भी इसी आश्रम से जुड़े हुए हैं। तेलम बौरैया और सुखमती हप्का आदिवासी नेता हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजापुर की नक्सल घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री भी बस्तर आए थे। जवान को रिहा कराने की हमारी रणनीति सफल रही। इस कार्य में पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपरेशन, महानिदेशक सीआरपीएफ, आईजी बस्तर, बीजापुर के एसपी और डीएसपी, मध्यस्थ टीम के सदस्यों, स्थानीय सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। बीजापुर और बस्तर अंचल के स्थानीय लोगों ने एक बड़ा चुनौतिपूर्ण कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को कोबरा बटालियन के जवान मन्हास को रिहा कराने के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री लगातार बस्तर पुलिस से संपर्क में थे और इस मामले में की जा रही कार्यवाही की लगातार जानकारी ले रहे थे। मुख्यमंत्री ने जवान की रिहाई पर मध्यस्थता करने वाली टीम और जवान राकेश्वर सिंह को शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर विशेष पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशन) अशोक जुनेजा, डीआईजी नक्सल ऑपरेशन ओपी पाल, सीआरपीएफ के आईजी प्रकाश डी. भी उपस्थित थे। बीजापुर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बीजापुर के कलेक्टर रीतेश अग्रवाल, डीआईजी कोबरा एपी.सिंह, पुलिस अधीक्षक कमलोचन कश्यप सहित पत्रकार पी. रंजनदास, यूकेश चंद्राकर, चेतन कांपेवार और के.शंकरदास, जगदलपुर से कमिश्नर बस्तर जीआर. चुरेंद्र, आईजी बस्तर पी.सुंदरराज, डीआईजी कोबरा बटालियन अखिलेश सिंह और राजा राठौर जुड़े।

Pradeep Sharma

SNN24 NEWS EDITOR

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button