बिलासपुर। जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार के चलते जिला पंचायत कार्यालय के रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं सचिव को सस्पेंड और सरपंच को हटाने के आदेश दिए गए हैं। सभी पर फर्जी मस्टर रोल बनाने और अनियमितता की जांच में दोषी पाए जाने के बाद कार्रवाई की गई है। यह पहला मौका है जब पंचायत में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे तीन व्यक्तियों पर एक साथ कार्यवाही की गई है।
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दरअसल, कोरोना काल में लॉक डाउन लगा था और मजदूर बाहर से आकर क्वारैंटाइन सेंटरों में रुके हुए थे। उस समय तखतपुर के जुनापारा ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्य कराए गए थे। इसे लेकर युवा कांग्रेस नेता रामेश्वरपुरी गोस्वामी ने RTI के तहत जानकारी लेने के बाद जनपद पंचायत में शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि मस्टर रोल में ऐसे व्यक्तियों के नाम लिखे गए, जो क्वारैंटाइन सेंटर में हैं। इनमें प्राइवेट अस्पताल के भी कर्मचारी शामिल हैं।
जांच टीम ने सभी पर लगे आरोप सही पाए, फिर कार्यवाही की संस्तुति की गई
शिकायत में यह भी बताया कि यह सभी कभी मनरेगा के काम में नहीं गए। फर्जी मस्टर रोल भरकर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया। शिकायत के बाद जांच टीम का गठन किया गया था। जांच में सभी आरोप सही पाए गए। इसके बाद जिला पंचायत ने रोजगार सहायक ओमप्रकाश जायसवाल को बर्खास्त कर दिया। जबकि सचिव अयोध्या प्रसाद तिवारी को सस्पेंड और जुनापारा सरपंच गीता मोती लाल चतुर्वेदी को पद से हटाने के आदेश दिए हैं।