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RT-PCR टेस्ट को भी मात दे रहा कोरोना…लक्षण के बावजूद मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव

कोरोना वायरस नया रूप ले चुका है और इसकी दूसरी लहर पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक है। कोरोना के मामले में पहले ही रेपिड टेस्ट को बहुत भरोसेमंद नहीं माना जा रहा था। सभी डॉक्टर RT PCR टेस्ट कराने की सलाह दे रहे थे, लेकिन अब इसकी भी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं। कई मरीजों में कोरोना के लक्षण होने के बावजूद उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। कुछ मामलों में दो-तीन बार टेस्ट के बावजूद भी सही रिजल्ट नहीं मिल रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मरीज मिले हैं, जिन्हें बुखार, खांसी, सांस फूलने जैसी समस्या थी। इन मरीजों के सीटी स्कैन में भी हल्के रंगीन या ग्रे पैच थे। ये सीधे तौर पर मरीज के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि करते हैं। लेकिन इनकी टेस्ट रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी।

अब RT PCR टेस्ट नहीं रहा गोल्डन स्टैंडर्ड

कोरोना की पहली लहर के समय में RT PCR टेस्ट गोल्डन स्टैंडर्ड बताया गया था। कोरोना के उस स्ट्रेन के लिए यह टेस्ट सटीक रिजल्ट देता था। लेकिन, कोरोना के स्ट्रेन में बदलाव के बाद इसकी विश्वसनीयता भी लगातार कम हो रही है। कुछ रोगियों को ब्रोन्कोएलेवलर लैवेज से गुजारा गया, ये एक नैदानिक पद्धति है, जिसमें एक नली के माध्यम से मुंह या नाक की जांच की जाती है। इस जांच में कई ऐसे मरीज पॉजिटिव पाए गए, जिनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव थी।

नाक या गले की बजाय सीधे फेफड़ों में फैल रहा संक्रमण

डॉक्टर प्रतिभा काले का इस मामले पर कहा है, ‘संभव है कि वायरस उन मरीजों के गले या नाक में नहीं था, इसलिए जब नमूने लिए गए थे उनकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई। वायरस ने खुद को ACE Receptors से जोड़ लिया था, जो कि फेफड़ों की कोशिकाओं में पाए जाने वाला एक तरह का प्रोटीन होता है, इसलिए जब फेफड़ों से फ्लूइड सैंपल लिए गए, तो उसमें कोरोना पाया गया।’

रिपोर्ट निगेटिव आने से फैल रहा संक्रमण

15-30 प्रतिशत कोरोना मरीजों में लक्षण होने के बावजूद उनकी टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। ऐसे मरीज लगातार वायरस फैलाने का काम कर सकते हैं। नॉन-COVID एरिया में भर्ती किए जाने पर वो दूसरे सामान्य मरीजों को भी संक्रमित कर सकते हैं।

बदल गए हैं कोरोना के लक्षण

कोरोनी की दूसरी लहर में मरीजों में बहती नाक और सर्दी जैसी समस्या भी देखी जा रही है, जो पहले नहीं थी। कई मरीजों को खांसी या सांस फूलने की शिकायत नहीं है और उनकी सीटी स्कैन रिपोर्ट भी सामान्य है। लेकिन, इन मरीजों को कई दिनों तक बुखार रहता है।

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