बिलासपुर

छत्तीसगढ़: हाई कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर DGP ने दोबारा दिया माफी आवेदन

बिलासपुर। हाई कोर्ट में दूसरी बार भी उपस्थित नहीं हो पाने पर पुलिस महानिदेशक ने माफी आवेदन दिया। उनकी तरफ से यह भी निवेदन किया गया कि इस प्रकरण की पेशी में नहीं आने की छूट दी जाए। इस दौरान जवाब में कोर्ट को बताया गया कि एडीपीएस के प्रकरण की जांच में लापरवाही बरतने वाले एसआइ व विवेचक की सेवा पुस्तिका में जुर्माने की सजा दी गई है। इधर, कोर्ट ने पुलिस जांच में हुई त्रुटि का लाभ देते हुए आरोपित को जमानत दे दिया है।

नशीली दवाओं की अवैध बिक्री करने वाले आरोपित की गिरफ्तारी व जांच में लापरवाही बरतने समेत कई अन्य मामलों में हाई कोर्ट में जवाब प्रस्तुत करने में लेटलतीफी को लेकर नाराज हाई कोर्ट ने बीते 24 मार्च को पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत उपस्थित होने का आदेश जारी किया था। 23 मार्च की शाम नारायणपुर में हुई नक्सली घटना व जवानों के शहीद होने के कारण डीजीपी को नारायणपुर जाना पड़ा।

इस पर महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने डीजीपी की तरफ से माफी आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। प्रकरण में पुलिस अफसरों की तरफ से बताया गया कि एनडीपीएस एक्ट के मामलों की जांच के लिए पहले से ही थानेदार व राजपत्रित अफसरों के द्वारा जांच की व्यवस्था है। लेकिन इस तरह की लापरवाही क्यों हुई इस पर कोर्ट ने जवाब प्रस्तुत करने को कहा था। बीते शुक्रवार को हाई कोर्ट में फिर से इस प्रकरण की सुनवाई हुई। इस बार भी बस्तर संभाग में हुई नक्सली घटना में बड़ी संख्या में जवान शहीद हो गए थे।

इसके चलते डीजीपी की तरफ से दोबारा माफी आवेदन प्रस्तुत किया गया। उनकी तरफ से यह भी आवेदन भी दिया गया कि उन्हें पेशी में आने से छूट दी जाए। प्रकरण की सुनवाई जस्टिस विमला कपूर की बेंच में हुई। इस दौरान जवाब में बताया कि प्रकरण में त्रुटिपूर्ण जांच व लापरवाही बरतने वाले एसआइ व विवेचक को सजा दी गई है। उनकी सेवा पुस्तिका में जुर्माने की सजा का उल्लेख भी किया गया है। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील समीर सिंह ने प्रकरण के अभियुक्त को जमानत देने का आग्रह किया, जिस पर कोर्ट ने पुलिस की त्रुटिपूर्ण जांच का लाभ देते हुए जमानत दे दिया है।

क्या है मामला

राजनांदगांव जिले के छुरिया थाना पुलिस ने छह नवंबर 2020 को पृथ्वी नेपाली से 1200 टेबलेट व ठाकुरराम से 2700 कैप्सूल जब्त किया था। इन दोनों आरोपितों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 22 व 27 के तहत अपराध दर्ज किया है। निचली अदालत से आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज हो गई।

इस पर आरोपित पृथ्वी नेपाली ने हाई कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई है। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने जांच पर कई सवाल उठाए और विवेचना अधिकारी से जवाब मांगा। लेकिन थानेदार सही जवाब नहीं दे पाए थे।

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