रायपुर

छत्तीसगढ़ से निर्यात अरवा चावल पर 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी: खर्च बढ़ा इसलिए…आंध्र बंदरगाह से 1000 ट्रकें वापस…100 करोड़ से ज्यादा के सौदे हुए ठप

रायपुर। केंद्र सरकार ने अरवा चावल विदेशों में भेजने पर 20 फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगा दी है। इस वजह से चावल देश से बाहर भेजना महंगा हो गया है। इस फैसले से आंध्रप्रदेश के काकीनाड़ा बंदरगाह से विदेशों में जा रहा छत्तीसगढ़ के अरवा चावल की 1000 से ज्यादा ट्रकें राज्य में वापस भेज दी गई हैं। क्योंकि यह सौदा पुरानी कीमत पर हुआ था।

अब एक्सट्रा ड्यूटी लगने की वजह से चावल बाहर भेजना महंगा हो गया है। रेट में फर्क आने की वजह से ट्रकों को वापस भेजा जा रहा है। केंद्र सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि गैर-बासमती चावल को देश से बाहर भेजने पर 20 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी भेजने वालों को ही देनी होगी। यानी यह अतिरिक्त टैक्स राइस मिलरों से वसूल किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ से हर साल 30 लाख टन से ज्यादा चावल विदेशों में भेजा जाता है। इसमें करीब 16 लाख टन चावल अरवा और खंडा ही होता है। छत्तीसगढ़ से अरवा चावल पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, साउथ अफ्रीका, मलेशिया, यूएई आदि देशों में भेजा जा रहा था। अब कीमत बढ़ने की वजह से छत्तीसगढ़ का चावल दूसरे देशों के मुकाबले महंगा हो गया है। इस वजह से इन देशों के ब्रोकरों और कारोबारियों ने फिलहाल सभी तरह की खरीदी रोक दी है।

5 रुपए कम हुई कीमत

अरवा चावल पर एक्साइज ड्यूटी लगने की खबर के बाद से अरवा चावल की डिमांड 35 फीसदी तक कम हो गई है। यही वजह है कि बाजार में 21 से 25 रुपए किलो में बिकने वाला अरवा चावल अब 16 से 21 रुपए किलो में बिक रहा है। अरवा चावल की कीमत प्रति किलो 5 रुपए तक कम हो गई है। इसी तरह 20 से 21 रुपए में बिकने वाला खंडा चावल की खरीदी सभी ने रोक दी है। खंडा चावल की खरीदी-बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई है। ब्रोकन चावल का उपयोग आगे किस तरह होगा इसे लेकर भी मिलर और प्रशासन दोनों परेशान हो गए हैं।

खंडा बैन, धान की कीमत 50 रुपए गिरी

केंद्र सरकार के नए आदेश में एक्साइज ड्यूटी लगाने के अलावा अरवा और उसना खंडा चावल (ब्रोकन) के निर्यात करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग गया है। यानी अब ब्रोकन चावल देश से बाहर जाएगा ही नहीं। राइस मिल वाले इस खंडा चावल को विदेश में भेजकर फायदा कमाते हैं। लेकिन अचानक प्रतिबंध लगने की वजह से मिल वालों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे ब्रोकन चावल का उपयोग कैसे करेंगे। खंडा पर बैन लगने की वजह से 48 घंटे के भीतर धान की कीमत 1850 रुपए से कम होकर 1800 हो गई है।

100 करोड़ से ज्यादा के सौदे भी रुके

छत्तीसगढ़ के राइस मिलरों के अनुसार अरवा और खंडा चावल के 100 करोड़ से ज्यादा के सौदे ठप हो गए हैं। वायदा बाजार में सौदों को रद्द कर दिया गया है। पुराना बयाना वापस लिया जा रहा है। अरवा और खंडा चावल को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए की गई गाड़ियों की बुकिंग भी निरस्त कर दी गई है। अब मिलर बाजार में इस फैसले के साथ कैसे कारोबार किया जाए इस पर बात कर रहे हैं। केंद्र के इस आदेश के बाद राइस मिलर एसोसिएशन ने कई बैठकें भी कर ली हैं, पर कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया है।

टैक्स बढ़ने से अरवा की डिमांड कम

एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला केंद्र का है। टैक्स बढ़ने की वजह से ही अरवा की डिमांड कम हो रही है। राइस मिलरों को नुकसान न हो इस पर उनसे बात कर राहत दिलाने की कोशिश की जाएगी। - एसएन राठौर, डायरेक्टर, खाद्य संचालनालय छत्तीसगढ़

मिलों को नुकसान, गाड़ियां वापस हो रहीं

केंद्र के फैसले के बाद आंध्रप्रदेश के बंदरगाह से 1000 से ज्यादा ट्रकें अरवा वापस लेकर आ रही हैं। मिलरों को नुकसान हो रहा है। करोड़ों के सौदे रुक गए हैं। केंद्र को फिर सोचना चाहिए। - योगेश अग्रवाल, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राइस मिल
Show More

Pradeep Sharma

SNN24 NEWS EDITOR

Related Articles

Back to top button