
आरक्षक से मारपीट मामले में कांग्रेस पार्षद सहित 9 के खिलाफ FIR दर्ज
अंबिकापुर। कोतवाली में आरक्षक से मारपीट मामले में कांग्रेस पार्षद दीपक मिश्रा सहित 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। बता दें शनिवार रात थाने में घुसकर आरक्षक के साथ मारपीट की गई थी। वहीं पुलिस के आला अधिकारी इस मामले में चुप्पी साध रखी थी। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के संज्ञान मे आने के बाद जागे पुलिस प्रशासन ने अब एक्शन लिया है। आरोपियों पर शासकीय कार्य में बाधा सहित कई धाराओं में FIR दर्ज की गई है।

जानें पूरा मामला
सरगुजा में अब पुलिसकर्मी थाने में भी सुरक्षित नहीं हैं ऐसा हम इसलिए भी कह रहे हैं कि अम्बिकापुर के कोतवाली में शनिवार रात आरक्षक के साथ कथित तौर पर मारपीट की घटना सामने आई है। मगर हैरत की बात ये है कि रसूखदार लोगों के सामने पुलिस भी मूकदर्शक नजर आई। इस कारण पहले इस मामले में कुछ भी कहने को पुलिस के बड़े अधिकारी तैयार नहीं हुए और न ही इस मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मगर इस मामले को लेकर मंत्री टीएस सिंह देव ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और मामले को संज्ञान में ले कार्रवाई की बात कही है।
दरअसल शनिवार शाम शहर में कुछ लड़के गाड़ी में सवार होकर ट्रैफिक नियम के विरुद्ध काम कर रहे थे। ऐसे में इन्हें पुलिस के एक बड़े अधिकारी के निर्देश पर कोतवाली थाने ले जाया गया। मगर यहां अपने रसूख का धौंस दिखाकर लड़के पुलिस आरक्षक से ही भिड़ गए। यही नहीं लड़कों ने अपने परिवार के लोगों को भी थाने बुलवाया, जिसके बाद पुलिस आरक्षक के साथ कथित तौर पर मारपीट भी की गई। इस दौरान थाने में सिर्फ तीन आरक्षक मौजूद थे और साथी आरक्षकों ने मामला शांत कराने की कोशिश की यही नहीं कोतवाली में हंगामा करने के बाद युवक और उनके परिजन वापस भी चले गए।
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हैरत की बात तो यह कि कोतवाली थाने में आरक्षक के साथ कथित तौर पर मारपीट की घटना के बाद पुलिस के बड़े अधिकारियों ने चुप्पी साध ली थी, एडिशनल एसपी ने जहां फोन रिसीव करने तक की जहमत नहीं उठाई, तो वहीं एसपी साहब ने रायपुर में होने की बात कह मामले से पल्ला झाड़ लिया। मगर जिस तरह से रसूखदारों के थाने में हंगामा करने का मामला सामने आया है, इसके बाद से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं ।
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इधर मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस मामले की जानकारी ली और इस मामले में कार्रवाई की बात जरूर कही है, उनका साफ तौर पर कहना है कि इस तरह की घटना बेहद निंदनीय है और इसे लेकर पुलिस के आला अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए। इसके बाद पार्षद सहित 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
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