छत्तीसगढ़ के मैट्स यूनिवर्सिटी में पैसे दीजिए डिग्री लीजिए: रायपुर की इस यूनिवर्सिटी ने विधायक को बेची फर्जी डिग्री…हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग से मांगा जवाब
रायपुर। राजधानी रायपुर की एक बड़ी प्राइवेट यूनिवर्सिटी में पैसों के बदले डिग्री देने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की भी बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। मामला अब हाईकोर्ट पहुंचा है, और हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग से इस मामले में जवाब मांगा है।
पूरा प्रकरण रायपुर की मैट्स यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ है। इस मामले में शिकायत करने वाले कांग्रेस नेता संजीव अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने प्रदेश में फर्जी मार्कशीट बेचने वाली यूनिवर्सिटी की शिकायत मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल से की थी।
बात 2019 की है तब विधायक को यकीन नहीं हुआ, उन्होंने फोन पर मैट्स यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों से बात की और डीसीए कोर्स का सर्टिफिकेट मांगा। कर्मचारी पैसे लेकर भेजने के लिए राजी हो गए उन्होंने जुलाई 2012 यानी कि बैक डेट का एक डिप्लोमा सर्टिफिकेट जारी करके विधायक की तस्वीर लगा कर भेज दी। ना परीक्षा ली गई, ना किसी तरह का एडमिशन हुआ। रुपयों के बदले मार्कशीट विधायक को दे दी गई।
संजीव ने बताया कि इसके बाद हमने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन दिल्ली और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस मामले की शिकायत की। हमने बताया कि कैसे विधायक को फर्जी डिग्री मिल गई। अधिकारी एक-दूसरे को खत भेजते रहें, मगर यूनिवर्सिटी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई।
CBI जांच की मांग
करीब 1 साल बीत जाने के बाद संजीव अग्रवाल ने इस मामले को अब हाईकोर्ट पहुंचा कर इस पूरे प्रकरण पर सीबीआई जांच की मांग की है। अदालत से संजीव अग्रवाल ने दरखास्त की है कि इस तरह से शिक्षा को व्यवसाय बनाने वाले लोगों के खिलाफ और संस्थाओं के खिलाफ जांच करने के बाद उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
इस प्रकरण के सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों को फटकार लगाते हुए पूछा है कि ये आखिर कैसे हो गया। इस मामले में 28 जून को फिर से सुनवाई होने जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग को इस मामले में हाईकोर्ट को जवाब देना है। यह भी बताना होगा कि अब तक इस प्रकरण में क्या कार्रवाई हुई।