
सरकार ने लागू किया पेंशन का नया अध्यादेश…लाखों सरकारी कर्मचारियों को होगा फायदा
लाखों सरकारी कर्मचारियों को फायदा होने वाला है। सरकार ने पेंशन के लिए अर्हकारी सेवा एवं विधिमान्यकरण अध्यादेश-2020 को प्रभावी कर दिया है। ऐसे में नियमित किए जाने की तारीख से कर्मचारियों के पेंशन सेवा की गणना की जाएगी। शासन आदेश में सभी विभाग अध्यक्षों को संबोधित किया है। इसमें लिखा है कि कई कारणों के कारण पिछले सालों में तदर्थ, कार्य प्रभारित व सीजनल आधार पर कर्मचारियों की भर्तियां हुई है। ऐसे में राज्य सरकार विधिवत विनियमित कर दिए जाने की तारीख से कर्मचारी की नियमित सेवा प्रारंभ होती है। इस प्रकार विनियमितिकरण की तिथि करते हुए रिटायरमेंट लाभ अनुमन्य किए जाते हैं। उत्तरप्रदेश के अपर मुख्य सचिव वित्त एस. राधा चौहान ने अध्यादेश लागू होने के बाद संबंधित आदेश मंगलवार को जारी कर दिया। आदेश में कहा गया है कि सभी प्रकार के वादों में राज्य सरकार की तरफ से दाखिल किए जाने वाली शपथपत्रों में अध्यादेश की व्यवस्था न्यायालयों में स्पष्ट रूप से जिक्र किया जाएं। विभाग अध्यक्षों इस प्रकार के मामलों में यूपी पेंशन अर्हकारी सेवा एंव विधिमान्यकरण अध्यादेश 2020 को राज्य सरकार की तरफ से प्रतिवाह करने का आधार माने। जिन वादों में शपथपत्र बिना अध्यादेश के दाखिल किए गए हैं, उनमें पूरक प्रति शपथपथ दाखिल किया जाना चाहिए। साथ ही जिन वादों में आदेश अदालत ने पारित किए हैं। उसमें पुनर्विचार याचिका, विशेष अपील और क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किया जाएगा।
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इस साल भी 8.5 फीसद ब्याज देगा ईपीएफओ, 5 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चालू वित्त वर्ष (2020-21) में पीएफ पर 8.5 फीसद की ब्याज दर कायम रखने का फैसला किया है। गुरुवार को श्रीनगर में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया। ईपीएफओ के पांच करोड़ से ज्यादा सदस्यों को पीएफ की राशि पर इस दर से ब्याज मिलेगा। श्रम मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार की अध्यक्षता में श्रीनगर में ट्रस्टी बोर्ड की बैठक हुई। ब्याज दरों में बोर्ड का फैसला वित्त मंत्रालय के समक्ष भेजा जाएगा। वित्त मंत्रालय की संस्तुति के बाद सदस्यों के खाते में ब्याज की राशि क्रेडिट कर दी जाएगी। श्रम मंत्रालय ने कहा, “चालू वित्त वर्ष में ईपीएफओ ने इक्विटी में अपने निवेश को बाहर निकालने का फैसला किया है। ईपीएफओ अपने सदस्यों को अधिक ब्याज देने के बाद भी सरप्लस की स्थिति में रहेगा। इससे भविष्य में भी सदस्यों को बेहतर रिटर्न देने की संभावना बनी है।” इस साल कोरोना महामारी के कारण जमा की तुलना में निकासी ज्यादा रहने के कारण अनुमान लगाया जा रहा था कि ईपीएफओ ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ईपीएफओ ने ब्याज दरों को 8.5 फीसद करने का एलान किया था, जबकि 2018-19 में यह 8.65 फीसद था।
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OPS पुरानी पेंशन को लेकर मोबाइल एप पर समर्थन जुटा रहे कर्मचारी
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा की ओर से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आंदोलन को तेज किया जा रहा है। कुटुंब नाम के एक मोबाइल एप पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर समर्थन जुटाया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर ही इस एप पर करीब एक लाख कर्मचारी जुड़ गए हैं। मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आलोक पांडे के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रीय प्रचार अभियान को वृहद स्तर पर विभिन्न प्लेटफॉर्म पर पहुंचाया जा रहा है। बीते 18 फरवरी को संयुक्त मोर्चा की उत्तराखंड टीम ने इस समर्थन मुहिम को इंटरनेट मीडिया के प्लेटफॉर्म पर ले जाने की पहल की। जिसे देशभर से बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली और महज सप्ताहभर में एक लाख नई पेंशन योजना आच्छादित कर्मचारी इस प्लेटफॉर्म पर जुड़ चुके हैं। प्रतिदिन लगभग 10 हजार कर्मचारी इस प्लेटफॉर्म के जरिये पुरानी पेंशन बहाली के लिए संयुक्त मोर्चा से जुड़ रहे हैं।
अब पेंशन से पहले मेडिकल से आयु का पता लगांएगे, जानिये इसका क्या होगा असर
कोरोना काल के समय से मेडिकल कैंप विभाग ने बंद किए हुए थे। अब विभाग फिर से मेडिकल कैंप लगाकर आयु की जांच करने जा रहा है। इस बार मेडिकल में भी कुछ बदलाव किया गया है। जिस आवेदनकर्ता के पास जन्मतिथि प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र व मतदाता सूची में नाम है, उन्हें उसी आधार पर योजना का लाभ मिलेगा। जन्मतिथि का कोई भी प्रमाण पत्र है तो विभाग की तरफ से उनका मेडिकल नहीं करवाया जाएगा। बुढ़ापा पेंशन सम्मान भत्ता के लिए जिन बुजुर्गों के पास अपनी आयु का कोई प्रमाणपत्र नहीं है, उनकी आयु के आकलन के लिए प्रत्येक माह के दूसरे मंगलवार व दूसरे बुधवार को समाज कल्याण विभाग कार्यालय में आवेदन फॉर्म जमा करवा सकते हैं।प्रत्येक माह के तीसरे और चौथे शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड के सदस्यों की ओर से आयु की जांच की जाएगी। बोर्ड टीम में शामिल चिकित्सक बुजुर्ग के शारीरिक ढांचे, दांत, आंखें आदि देखकर आयु का अनुमान लगाएंगे। पानीपत के जिला समाज कल्याण अधिकारी कुलदीप ने बताया कि जिन बुजुर्गों के पास अपनी आयु कोई भी प्रमाण-पत्र नहीं है। वे कैंप में आकर मेडिकल करवा सकते हैं। पहले आवेदन करना होगा। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मेडिकल किया जाएगा। बुढ़ापा पेंशन संबंधी समस्याओं के लिए कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। महिला व पुरुष बुजुर्गों के लिए 60 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है।
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हरियाणा की 7 लाख 55 हजार 310 महिलाओं के खाते में पहुंची जनवरी की पेंशन
बुधवार को हरियाणा में 7 लाख 55 हजार से अधिक विधवा महिलाओं की जनवरी माह की पेंशन सरकार ने जारी कर दी है। लाभार्थियों के खाते में पेंशन आ चुकी है। हिसार के जिला समाज कल्याण अधिकारी डी एस सैनी ने बताया कि जनवरी माह की रुकी हुई विधवा पेंशन विभाग ने जारी कर दी है। लाभार्थी पेंशन अपने बैंक खाते से निकलवा सकते है। फरवरी माह की पेंशन 10 मार्च के बाद विभाग द्वारा जारी कर दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने फैमिली आईडी को हरियाणा की लगभग सभी जरूरी सेवाओं और योजनाओ के लिए फैमिली आईडी को अनिवार्य कर दिया गया है। बुढ़ापा, विधवा, विकलांग सहित अन्य सामाजिक पेंशन के लिए भी विभाग ने फैमिली आईडी को अनिवार्य किया है। प्रदेश भर में अब भी काफी लाभपत्रों ने फैमिली आईडी नहीं बनवाई है। पेंशन लाभार्थी नजदीकी सीएससी सेंटर से फैमिली आईडी बनवा सकते हैं।
पारिवारिक पेंशन निपटान में सरकार ने बदला यह नियम
अगर कोई रिटायर पेंशन पेपर दाखिल करने से पहले समाप्त हो जाता है: सरकार प्रक्रिया को अंतिम रूप देती है। एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की पेंशन के प्रसंस्करण के लिए, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 59 का पालन किया जाता है। नियमानुसार, सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति की तारीख से छह महीने पहले पेंशन के कागजात जमा करने होते हैं। हालांकि, सरकार द्वारा यह पाया गया कि कई बार पेंशन के कागजात प्रस्तुत किए बिना सेवानिवृत्ति के बाद एक सरकारी कर्मचारी की मृत्यु हो गई। अब, सरकार ने एक प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया है जिसे मृतक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के संबंध में पेंशन के प्रसंस्करण और अनुमोदन के लिए अपनाया जा सकता है और उसके या उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन की मंजूरी के लिए।सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होते ही पेंशन के लिए एक सरकारी कर्मचारी का दावा। इसी तरह, पारिवारिक पेंशन के लिए परिवार का दावा सेवा के दौरान या सेवानिवृत्ति के बाद एक सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पर अर्जित होता है। लेकिन, यदि अवधि के भीतर पेंशन के कागजात प्रस्तुत नहीं किए जाते हैं, तो पीपीओ सरकारी कर्मचारी को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद जारी नहीं किया जाता है। इससे मृतक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के परिवार के पात्र सदस्य को पारिवारिक पेंशन स्वीकृत करना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि ऐसी स्थितियों से बचने के लिए पेंशन कागजात जमा करने और संसाधित करने की समय सीमा का सख्ती से पालन किया जाए।
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अब आगे यह होगा
सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के परिवार को किसी भी कठिनाई से बचने के लिए, जो पेंशन के कागजात प्रस्तुत किए बिना मर जाता है, यह निर्णय लिया गया है, लेखा महानियंत्रक के कार्यालय के परामर्श से, निम्नलिखित प्रक्रिया को प्रसंस्करण के लिए अपनाया जा सकता है। मृत सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के संबंध में पेंशन की मंजूरी के लिए और उसके / उसके परिवार को पारिवारिक पेंशन की मंजूरी के लिए, मृतक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के पति या पत्नी की अनुपस्थिति में, पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र उसके परिवार का एक सदस्य, प्रपत्र 14 में दावा प्रस्तुत कर सकता है (सरकारी कर्मचारी / पेंशनर / की मृत्यु पर परिवार पेंशन के लिए आवेदन / परिवार के पेंशनभोगी) फॉर्म 3 (परिवार का विवरण) के साथ, कार्यालय प्रमुख, कार्यालय प्रमुख फॉर्म 7 (पेंशन, पारिवारिक पेंशन, और ग्रेच्युटी का आकलन करने के लिए फॉर्म) और फॉर्म 7, फॉर्म 3, फॉर्म 14, फॉर्म 20 (पेंशनर / परिवार पेंशनर की मृत्यु पर परिवार पेंशन के लिए स्वीकृति) के मामले में प्रक्रिया करेगा। परिवार के सदस्य को पेंशन (मृतक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के संबंध में) और पारिवारिक पेंशन को अधिकृत करेगा। पीपीओ के पार्ट-एलओ में पेंशन और पारिवारिक पेंशन को अधिकृत करके केवल एक पीपीओ जारी किया जाएगा। पीपीओ का पार्ट-एलएल, जो सेवा में रहते हुए किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पर लागू होता है, ऐसे मामलों में प्रासंगिक नहीं होगा।
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