बीजापुर

छत्तीसगढ़ में यहां बरसात का कहर, पढ़ाई पर भी असर: स्कूलों और पोटाकेबिन में भरा पानी…अब 2 दिन की छुट्‌टी…कई गांव टापू में तब्दील

बीजापुर। जिले में बारिश का कहर लगातार जारी है। अंदरूनी इलाकों के कई गांव टापू के रूप में तब्दील हो गए हैं। कई गांवों के स्कूल और पोटाकेबिन(नक्सली इलाकों के स्कूल) भी जलमग्न हो गए हैं। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के भारी बारिश प्रभावित और बाढ़ग्रस्त गांवों के स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। जिसका निर्देश भी जारी कर दिया गया है। शुक्रवार और शनिवार यह दो दिन अब स्कूल बंद रहेंगे।

जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के बीजापुर, भैरमगढ़, भोपालपट्टनम और उसूर ब्लॉक के BEO समेत स्कूलों के प्राचार्य को निर्देश दिए हैं। DEO ने पत्र के माध्यम से कहा है कि, बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जहां छात्रों को विद्यालय आने-जाने की असुविधा हो रही हो, या फिर विद्यालय में छात्रों की बैठक व्यवस्था प्रभावित हो रही हो तो उन क्षेत्रों के स्कूलों को 16 जुलाई तक बंद रखे जाएं। साथ ही अवकाश घोषित किया जाए। लेकिन शिक्षक अपनी उपस्थिति विद्यालयों में बनाए रखेंगे।

तारलागुड़ा गांव बरसात के पानी में डूबा

भारी बारिश की वजह से गोदावरी, इंद्रावती और मिंगाचल यह तीनों नदियां उफान पर हैं। जिससे कई गांवों का संपर्क ब्लॉक और जिला मुख्यालय से टूट गया है। भारी बारिश की वजह से बीजापुर जिले का नक्सल प्रभावित तारलागुड़ा गांव टापू में तब्दील हो गया है। महाराष्ट्र की सीमा से लगे इस गांव में महाराष्ट्र का भी पानी आ गया है। पूरा गांव पानी में डूब गया है। इसके अलावा यहां पोटाकेबिन में भी करीब 3 फीट तक पानी भर गया है। लोगों को जरूरत के सामान लाने-लेजाने में परेशानी हो रही है।

बीजापुर में अब तक हुए 3 हादसे

बारिश की वजह से बीजापुर जिले में हालात बेकाबू हो रहे हैं। अब तक कुल 3 हादसे हो चुके हैं। रविवार को एक ही दिन में दो अलग-अलग हादसों में राशन से भरा ट्रैक्टर और PDS के चावल से भरा ट्रक पानी में बह गया था। इसके अलावा कुछ दिन पहले सर्चिंग से लौट रहे CRPF की कोबरा बटालियन का एक जवान भी बरसाती नाला पार करते वक्त तेज बहाव के साथ बह गया था। बाद में जवान की लाश मिली थी।

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