High Court News: तहसीलदार के खिलाफ कमिश्नर नहीं कर सकते विभागीय जांच, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
बिलासपुर। तहसीलदार द्वारा नियम विरुद्ध नामांतरण करने के मामले में कमिश्नर ने विभागीय जांच शुरू कर दी। इस मामले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राजस्व सचिव व संभागीय आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। मामला सरगुजा संभाग के बैकुंठपुर जिले का है। ऋचा सिंंह तहसीलदार हैं। साल 2018-19 में उनकी पदस्थापना बैकुंठपुर जिले में थी, तब उनके द्वारा जमीन का नामांतरण किया गया था।
इसी तरह वर्ष 19-20 में भी नामांतरण करने को लेकर शिकायत की गई। इसमें उनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से नामांतरण करने के आरोप लगाए गए। इस मामले की जांच करते हुए संभाग आयुक्त ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया और नियम 14 सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 अंतर्गत चार्जशीट दी गई। इस पर तहसीलदार ऋचा सिंह ने जवाब के लिए कमिश्नर से समय मांगा गया। लेकिन, कमिश्नर ने नजरअंदाज कर उन्हें आरोपपत्र थमा दिया।
इससे परेशान होकर उन्होंने अपने अधिवक्ता नरेंद्र मेहर एवं दीक्षा गौरहा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसमें बताया गया कि पूर्व में हुए नामांतरण प्रक्रिया को निरस्त किए जाने के संबंध में याचिकाकर्ता ने अपने उच्च अधिकारी ( अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ) के समक्ष छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 51 के तहत आवेदन प्रस्तुत किया था एवं पूर्व में किए गए नामांतरण की सत्यता पता चलने पर पुन: समीक्षा करने के लिए अनुमति मांगी गई थी। लेकिन, अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उन्हें अनुमति प्रदान नहीं की गई।
याचिका में यह भी बताया गया है कि सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 एवं भारतीय सविंधान के अनुच्छेद 311 ( 1 ) व धारा 13 सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के तहत संभाग आयुक्त को तहसीलदार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। चूंकि तहसीलदार की नियुक्ति प्रक्रिया राज्य शासन द्वारा की जाती है। इस स्थिति में विभागीय कार्रवाई भी राज्य शासन ही कर सकता है।
इस मामले में संभाग आयुक्त द्वारा जारी नोटिस व आरोप पत्र को अवैधानिक बताया गया है। इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए जस्टिस पीसेम कोशी ने राजस्व सचिव व सरगुजा के संभाग आयुक्त को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।