अपात्रों को नौकरी और सैलरी: जांच में तत्कालीन प्रभारी डीईओ और क्लर्क दोषी…दोषी अफसरों से 15 लाख वसूली की मांग
बिलासपुर। तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी पी दासरथी और खंड लिपिक विकास तिवारी ने अपात्रों को पात्र बनाकर 8 अभ्यर्थियों को अनुकंपा नियुक्ति दे दी। जांच में सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति गलत मिलने पर सभी को बर्खास्त कर दिया गया है। अब जांच में दोषी मिले अधिकारी और क्लर्क से बर्खास्त शिक्षकों को वेतन के तौर पर किए गए भुगतान की राशि 15 लाख की वसूली की मांग की गई है।
कोरोना में जान गंवाने वाले कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति देने के निर्णय का गलत फायदा उठाते हुए तत्कालीन डीईओ पी दासरथी और खंड लिपिक विकास तिवारी ने कई अपात्रों को पात्र बताकर अनुकंपा नियुक्ति दी थी। इस मामले में आदिवासी नेता संत कुमार नेताम ने स्कूल शिक्षा सचिव और कलेक्टर को पत्र लिखकर बर्खास्त किए जा चुके शिक्षकों को वेतन के तौर पर दी गई राशि की वसूली की मांग की है।
अनुकंपा नियुक्ति में ये पाए गए दोषी
अनुकंपा नियुक्ति पाने के मामले में की गई जांच में श्वेता सिंह, विकल्प श्रीवास्तव, मनीष कुमार कुर्रे, योगेश्वरी सूर्यवंशी, ओमप्रकाश साहू, चंद्रकांत देवांगन, योगेश मिश्रा, मुकेश जायसवाल को दोषी पाया गया था।
शासन स्तर पर होगी कार्रवाई
मामले की जांच शासन स्तर पर कराई गई थी। इस मामले पर शासन स्तर से ही कुछ हो सकेगा। – डीके कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर
अपात्रों को नौकरी देकर शासन के लाखों रुपए का चूना लगाया गया है, इसकी वसूली की जाए। लिपिक विकास तिवारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। – संत कुमार नेताम, प्रदेश अध्यक्ष, अभा आदि. विकास परिषद