छत्तीसगढ़

सहारा रेगिस्तान में मिला धरती से भी पुराना उल्कापिंड, जानें वैज्ञानिकों ने क्या कहा?

अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में शोधकर्ताओं ने एक उल्कापिंड का टुकड़ा खोजा है। जो धरती से भी पुराना है। विज्ञानिकों के अनुसार यह पत्थर ऐसे ग्रह का है, जिसका निर्माण तब शुरू हुआ जब पृथ्वी का कोई अस्तिव नहीं था। इस उल्कापिंड को Erg Chech 002 (EC 002) नाम दिया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार यह 4.54 बिलियन साल पुराना है। इसका निर्माण एक प्रोटोप्लैनेट की पर्पटी के अंदर हुआ है।

32 किलो का उल्कापिंड

दरअसल यह पत्थर अफ्रीका के अलजीरिया के अर्ग चेच ड्यून सागर में मिला है। इसका वजह करीब 32 किलो है। वैज्ञानिकों के मुताबिक पर्पटी का टुकड़ा लावा की तरह पिघला हुआ होगा। इस वजह से वह ठोस बन गया। इस उल्कापिंड के रिसर्च पर पता चला कि सबसे पुराना आग्रेय शैल है। इससे पहले वाला आग्रेय शैल NWA11119 था, जो इसे 12.4 लाख वर्ष छोटा है। जबकि धरती इन पत्थरों के कई लाखों साल बाद अस्तिस्व में आई है।

विशेषताएं कही मेल नहीं खाती

पीएनएएस जर्नल में इस उल्कापिंड के रिसर्च परिणाम को प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन की प्रमुख एलिक्स बैरेट ने बताया कि Erg Chech 002 दूसरे उल्कापिंड ग्रुप से अलग है। किसी भी क्षुद्रग्रह की विशेषताएं इससे कहीं मेल नहीं खाती है। उन्होंने कहा कि इसमें 58 प्रतिशत सिलिकॉन डाइऑक्साइड है। यह धरती के ज्वालामुखी क्षेत्र में पाए जाने वाली बेसाल्ट चट्टान से अलग है।

अपवाद की तरह दिख रहा उल्कापिंड

एलिक्स बैरेट ने कहा कि पर्पटी के अवशेष क्षुद्रग्रह केरिकॉर्ड में कम पाए गए हैं। इससे यह सामने आया कि सौरमंडल के शुरुआती प्रोटोप्लैनेट और उनके टुकड़े या निश्चित तौर पर खत्म हो गए, या बढ़ते पथरीले ग्रहों से जुड़ते गए होंगे। इस कारण इस तरह का उल्कापिंड अलग तरह से दिख रहा है। उन्होने आगे कहा कि Erg Chech 002 ठंडे और क्रिटलीकरण होने के कई सालों बाद निकला होगा। यह उस उसम के ग्रहों के विकास की जानकारी दे रहा है। जब धरती का कोई अस्तित्व नहीं था।

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Pradeep Sharma

SNN24 NEWS EDITOR

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