छत्तीसगढ़ में बनेगा एनआईए का इंट्रोगेशन रूम: एफबीआई की तर्ज पर काम करेगा…दो माह में आवासीय कांप्लेक्स भी बन जाएगा
रायपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) देश भर में अपना विस्तार कर रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर के सेक्टर 24 में एनआईए के क्षेत्रीय कार्यालय भवन बनकर तैयार हो गय है। इसे अमरीका की एफबीआई की तर्ज पर फेडरल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी की तरह विकसित करने की केंद्र सरकार की योजना है। इस दिशा में काम शुरू भी हो चुका है।
एनआईए के एडीजी अतुलचंद्र कुलक्रणी ने कहा कि दिल्ली हेडक्वार्टर की तर्ज पर ही राज्यों में बने ब्रांच कार्यालय में इंट्रोगेशन रूम और डेटा बेस रूम बनाया जाएगा। एक तरह से यह म्यूनिसिपल मॉडल आफ हेड क्वार्टर होगा। एजेंसी के मुख्यालयों में आतंकी घटनाओं और विस्फोटकों से जुड़ा डेटा बेस बनाया गया है।
इसमें हर घटना का पूरा ब्यौरा दर्ज किया जा रहा है। राज्यों के साथ सूचना साझा करने का भी एक नेटवर्क है। हालांकि, डेटा कमांड सेंटर दिल्ली मुख्यालय में ही रहेगा, जिससे सभी राज्यों के ब्रांच जुड़े रहेंगे और आपस में डेटा शेयर कर सकेंगे। दो साल के अंदर देश के सभी राज्यों में एनआईए का क्षेत्रीय कार्यालय शुरू हो जाएगा। फिलहाल, 18 राज्यों में एजेंसी अपना विस्तार कर चुकी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर प्रवास के दौरान इस बात का खुलासा किया।
खालिस्तान व इस्लामिक जिहाद पर फोकस
एनआईए के एडीजी अतुल चंद्र कुलकर्णी ने बताया, एजेंसी का काम समय के साथ बढ़ता जा रहा है। फिलहाल, देश में खालिस्तानी उग्रवाद, इस्लामिक जिहाद समेत कम से कम छह थियेटर में एनआईए काम कर रही है। इसमें नार्थ ईस्ट, जम्मू- कश्मीर और वामपंथी उग्रवाद भी शामिल है। एजेंसी को अभी एक साथ कई टास्क पर काम करना पड़ रहा है। एजेंसी के पास मामलों की संख्या बढ़ रही है। अभी दक्षिण भारत के 30 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन जारी है।
आईपीएस वेदप्रकाश को रायपुर की कमान
इस मुख्यालय के मुखिया पुलिस अधीक्षक वेद प्रकाश सूर्या हैं। वे 2009 बैच के एजीएमयूटी कैडर के अफसर हैं। इसमें अभी 50 अधिकारी-कर्मचारी तैनात हैं। समय के साथ इनकी संख्या बढ़ाए जाने की योजना है।
केंद्रीय सचिवालय के पास एनआईए का यह क्षेत्रीय कार्यालय 1.19 एकड़ में बना है। एनआईए ने 2.5 करोड़ में राज्य सरकार से जमीन खरीद कर अक्टूबर 2019 में इसका निर्माण शुरू किया। करीब 17.17 करोड़ रुपए की लागत से दो साल दस महीने में भवन बनकर तैयार हुआ है। भूतल सहित तीन मंजिल के इस भवन में एजेंसी के सभी विभाग और शाखाओं के साथ डाटा बेस और सर्वर भी होगा।
1.19 एकड़ में फैला है एनआईए दफ्तर
एनआईए का यह कार्यालय 1.19 एकड़ में बना है। एनआईए ने 2.5 करोड़ में जमीन खरीद कर अक्टूबर 2019 में इसका निर्माण शुरू किया। करीब 17.17 करोड़ रुपए की लागत से दो साल दस महीने में भवन बनकर तैयार हुआ है। भूतल सहित तीन मंजिल के इस भवन में एजेंसी के सभी विभाग और शाखाओं के साथ डाटा बेस और सर्वर भी होगा।
विदेशों तक बढ़ा एनआईए का दायरा
2019 के बाद एनआईए एक्ट और यूएपीए एक्ट में संशोधन किया गया। इसके बाद से एनआईए का दायरा अब विदेशों तक बढ़ गया है। जिन- जिन देशों के साथ भारत की राजनयिक संधियां है, उन देशों तक इसका दायरा बढ़ गया है। इसकी वजह से आतंकवाद की प्लानिंग कहीं पर भी हो। प्लानिंग करने वाले तक एनआईए पहुंच सकती है और किसी भी आतंकवादी हमले की जड़ तक जांच कर सकती है।
आतंकी घोषित करने का अधिकार
मानव तस्करी, प्रतिबंधित विस्फोटक और साइबर अपराध की जांच का अधिकार है। आतंकवादी संगठनों को प्रतिबंधित करके करने के साथ ही व्यक्तियों (आतंकियों) को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार दिया गया है। अब तक 36 व्यक्तियों को एनआईए ने आतंकवादी घोषित करने का काम किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मान्यता भी मिली है।
सरकार यदि इसे फेडरल इंवेस्टिेगेशन एजेंसी के रूप में विकसित करना चाहती है ताे हम इस भूमिका के लिए तैयार हैं। हम हर उस मामले की जांच कर रहे हैं, जिसका संबंध राष्ट्रीय हित और सुरक्षा से है। – अतुल चंद्र कुलकर्णी, अतिरिक्त महानिदेशक एनआईए