
आरटीओ के बाबू अब फाइल खोने का नहीं बना पाएंगे बहाना…जानिए क्या है नई व्यवस्था
रायपुर। प्रदेश में परिवहन विभाग एक नई व्यवस्था शुरु किया है। प्रदेश में अब वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए अब आरटीओ कार्यालय का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए आरटीओ कार्यालय में बैठे बाबू अब फाइल खो जाने और विलंब से मिलने का बहाना नहीं बना पाएंगे। दरअसल, नए नियम के मुताबिक आटो डीलर अब वाहन की बिक्री के बाद पेपर को स्कैन करके स्वंय परिवहन विभाग की वेब साइड पर अपलोड कर सकेगा।
पेपर अपलोड होने के बाद एक सप्ताह के भीतर वाहन का रजिस्ट्रेशन खुद ब खुद हो जाएगा। परिवहन विभाग मुख्यालय आरटीओ कार्यालय को पूरी तरह से पेपर लेश करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। परिवहन विभाग के अधिकारी का कहना है कि इस व्यवस्था के शुरु होेने से आम जनता को काफी राहत मिलेगी।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में प्रदेशभर के परिवहन कार्यालय में एक साल में करीब छह लाख, एक माह में पचास हजार और एक दिन में करीब दो हजार वाहन के पंजीयन से संबंधित दस्तावेज आते हैं। वर्तमान में वाहनों का डीलर प्वाइंट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। नए वाहनों का पंजीयन वाहन 4.0 नामक सॉफ्टवेयर में किया जाता है।
पंजीयन के लिए निर्धारित राशि का ऑनलाईन भुगतान करने के बाद आवश्यक समस्त दस्तावेज जैसे- फार्म 20, 21, 22, डीलर इनवाईस, एड्रेसप्रुफ संबंधित पेपर परिवहन कार्यालय में स्कूटनी के लिए जमा किए जाते हैं। परिवहन विभाग दस्तावेजों की जांच कर पंजीयन प्रमाण पत्र जारी करता है। इस सुविधा को प्रदाय किए जाने से दस्तावेजों के डिजीटल रिकार्ड संधारण के लिए सुविधाजनक होगा। इसके साथ ही नवीन वाहनों के डीलर प्वाइंट पंजीयन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सरल भी होगी।
जानिए इससे क्या होगा फायदा
वर्तमान में आरटीओ कार्यालयों की स्थिति ऐसी है कि आटो डीलर के यहां से वाहन की ब्रिक्री होने के बाद एक कर्मचारी दस्तावेज लेकर परिवहन कार्यालय जाकर सारे दस्तावेज को जमा करता था। पेपर जमा करने के बाद आरटीओ कार्यालय में बैठे बाबू निर्धारित समय पर काम करते नहीं देते थे पूछने पर फाइल खो जाने का बहाना बना देते थे।
इससे वाहन का तय समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता था। निर्धारित समय पर रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से वाहन मालिक आटो डीलर और आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते थे। मगर, अब आनलाइन होने से साइड में पूरा रिकार्ड रहेगा। आरटीओ कार्यालय में बैठे बाबू और अधिकारी अब बहाना नहीं बना सकेंगे।