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सक्ती मे आदिवासियों की जमीन पर कब्जा: अवैध रूप से नाली, सड़क और बिजली खंबे लगा रही नगर पालिका…जनदर्शन मे हुई शिकायत…कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

सक्ती। जिले में आदिवासियों की जमीनों को कलेक्टर से मंजूरी लिए बिना ही अवैध तरीके से पटवारी से सांठगांठ कर राजस्व अभिलेखों में कूट रचना कर गैर आदिवासियों के द्वारा अपना या अपने परिवार के सदस्यों का नाम दर्ज करा कर अनेक भू-माफियाओं के द्वारा धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग की जा रही है। जिसके संबंध में जनदर्शन मे कलेक्टर से शिकायत की गई है। कलेक्टर ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

शिकायतकर्ता द्वारिका प्रसाद देवांगन निवासी कसेरपारा सक्ती ने 19 दिसंबर 2022 को सक्ती जिला कलेक्टर कार्यालय के जनदर्शन कार्यक्रम मे उपस्थित होकर लिखित शिकायत कर बताया कि उसने ग्राम सक्ती एवं नंदेली मे जगदीश बंसल के द्वारा की जा रही अवैध प्लाटिंग के संबंध में दिनांक 21 जनवरी 2021 को कलेक्टर कार्यालय जांजगीर चांपा को लिखित में शिकायत की थी। जिसमें संपूर्ण विवरण भी दिया था, किंतु पटवारियों के द्वारा भू-माफिया के साथ सांठगांठ कर अवैध प्लाटिंग की जानकारी जांजगीर कलेक्टर को नहीं दी। जिससे प्रकरण दर्ज नहीं हो सका था।

शिकायतकर्ता ने बताया कि जगदीश बंसल पिता रामफल के द्वारा निम्नानुसार गांव में अवैध प्लाटिंग की गई है

  1. सक्ती खसरा नंबर 699 जो इंद्रा देवी पति रामफल के नाम पर है। जिसका मुख्तियार बन कर जगदीश बंसल ने करीब 29 प्लाटिंग की है।
  2. सक्ती खसरा नंबर 1209 एवं 1211 में जगदीश बंसल ने 31 टुकड़ों में अवैध प्लाटिंग की है।
  3. नंदेली खसरा नंबर 219 में जगदीश बंसल ने 26 टुकड़ों में अवैध प्लाटिंग की है।
  4. सक्ती के खसरा नंबर 641 में श्रीमती पीली पति समय लाल गबेल की जमीन पर जगदीश बंसल ने ही 13 अवैध प्लाटिंग की है।

उक्त सभी अवैध प्लाटिंग पिछले 03 वर्षों में की गई है और नगर पालिका के साथ मिलकर सड़क व नाली बनवाई जा रही है। क्योंकि खसरा नं. 641 पार्षद सम्मेलाल गबेल का है और वह नगर पालिका मे तीन बार पार्षद रह चुका है। इसलिए बिजली विभाग से मिलकर इस वर्ष बिजली के खम्भे लगवाए गए है।

शिकायतकर्ता ने बताया कि बाहुबली एवं भू-माफिया किसी भी तरीके से उसकी जमीन से सड़क निकाल कर खसरा नंबर 699 एवं 641 की अवैध प्लाटिंग वाली जमीन पर जाने के लिए रास्ता निकालना चाहते हैं। जिसके लिए पूरी नगर पालिका ने अपनी ताकत झोंक दी है। यही वजह है कि पटवारियों के द्वारा भी अवैध प्लाटिंग की रिपोर्ट कलेक्टर को नहीं दी जा रही है।

इसलिए शिकायतकर्ता ने उक्त चारों जमीनों पर अवैध प्लाटिंग का विस्तृत प्रतिवेदन तैयार कर ऑनलाइन प्रकरण दर्ज कराए जाने, नगरपालिका सक्ती को सड़क व नाली निर्माण करने से रोके जाने तथा बिजली विभाग को खंभा लगाए जाने से रोके जाने के संबंध में सक्ती कलेक्टर से लिखित शिकायत जनदर्शन कार्यक्रम में की है। कलेक्टर ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।

सूत्रों की माने तो शिकायतकर्ता द्वारा बताए गए सभी जमीन आदिवासीयों की थी। जिसे गैर आदिवासियों ने कलेक्टर से मंजूरी लिए बिना ही पटवारियों से सांठगांठ कर अपने या अपने परिवार के नाम पर दर्ज करा लिया है। सक्ती जिले एवं आसपास के क्षेत्रों मे आदिवासीयों की जमीनों को गैर आदिवासियों के द्वारा पटवारीयों से सांठगांठ कर बड़े पैमाने पर हेरा फेरी की गई है।

सक्ती जिले की घोषणा से लेकर 09 सितंबर 2022 तक करीब 500 एकड़ जमीनों मे हेरा फेरी की गई है। जिसमें से करीब डेढ़ सौ से 200 एकड़ की मंजूरी जांजगीर-चांपा जिले के कलेक्टर के द्वारा की गई है। जिसमें से करीब डेढ़ सौ एकड़ ज़मीन को बेनामी विभाग ने निरस्त करा दिया है।

उक्त सभी जमीनों को पुराने रिकॉर्ड, भू अभिलेख से मिलान एवं जांच कराए जाने की आवश्यकता हैं। जिससे की यह पता चल सके की उक्त जमीन पहले आदिवासी की थी या नहीं? यह जमीन अवैध प्लाटिंग करने वालों के नाम पर कब और कैसे आई यह जांच का विषय है।

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