जांजगीर चांपा। इन दिनों सक्ती तहसील मे सारे नियम व कानून कायदों को दरकिनार कर खाद्य निरीक्षक कि आंखों के सामने डंके की चोट पर मिट्टी तेल का उपयोग ट्रैक्टर मे डीजल के रूप मे किया जा रहा है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि आम उपभोक्ता को मिट्टी तेल उपलब्ध हो या ना हो किंतु ट्रैक्टरों को संचालित करने के लिए मिट्टी तेल आसानी से उपलब्ध हो जाता है
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मिट्टी तेल सस्ते राशन की दुकान से 50 ₹ लीटर की दर से ट्रैक्टर संचालको को उपलब्ध कराया जा रहा है, जो जांच का विषय है
इसी प्रकार सक्ती मे घरेलू उपयोग मे लाए जाने वाले सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर नामी गिनामी होटलों व ठेलों मे उपयोग करते आसानी से देखा जा सकता है। ऐसा नहीं है की इसकी जानकारी खाद्य निरीक्षक दिनकर को नहीं है, किंतु यदि वह कार्यवाही करते हैं तो उनके ऐसो आराम का सामान कहां से आएगा।
इस संबंध मे हमे ज्ञात हुआ है कि सिलेंडर के थोक दलालों के द्वारा, उक्त नामी गिनामी होटलों एवं ठेलों को 1000 रुपए की दर से प्रत्येक सिलेंडर उपलब्ध कराते है जबकि नियम यह कहता है कि व्यवसायिक उपयोग के लिए नीले रंग का गैस सिलेंडर उपयोग मे लाया जाना चाहिए किंतु खाद्य अधिकारी ने तो निहित स्वार्थ के लिए नियम व कानून ताक पर रख दिए है।