जांजगीर चांपा। धान खरीदी केंद्र प्रभारियों को धान खरीदी करने के लिए अस्थाई टेंट बनाकर भीषण ठंड मे रह कर धान खरीदी करना पड़ता है,जिससे उन्हें अनेक प्रकार की परेशानी उठानी पड़ती है। पहले धान खरीदी मे किसान से सामना फिर ट्रांसपोर्टरों से सामना धान चोरी होने पर अधिकारियों का सामना धान खरीदी केंद्र प्रभारी को करना पड़ता है। ऐसे ही अनेक मामले धान खरीदी केन्द्रों मे देखने को मिले है।
विगत दिनों मालखरौदा क्षेत्र के ग्राम आमनदुला,सोनादुला, सकर्रा,नावापारा धान खरीदी केंद्र का जायजा लेने पहुंचे SNN24 न्यूज़ की टीम ने देखा कि उक्त सभी धान खरीदी केंद्रों मे धान खरीदी लगभग पूरी हो चुकी है, किंतु DO एवं TO नहीं कटने की वजह से धान की ढुलाई नहीं हो पा रही है, ऐसे में धान खरीदी केंद्र प्रभारी को उसकी देख-रेख के लिए दिन और रात भीषण ठंड में अस्थाई टेंट लगाकर रहना पड़ रहा है। अकेले सुनसान इलाके मे धान की बोरियों के बीच बैठ कर गुजारना कैसा लगता है क्या कभी घर में रहकर आराम करने वाले अधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया है। शासन को धान खरीदी केंद्र प्रभारियों की परेशानियों को ध्यान मे रखते हुए धान ढुलाई का कार्य शीघ्र से शीघ्र करवाना चाहिए। धान ढुलाई करते समय ट्रांसपोर्ट कंपनियों द्वारा संग्रहण केंद्र ले जाते समय अधिक मात्रा मे धान की चोरी की जाती है जिसका खामियाजा धान खरीदी केंद्र प्रभारी को उठाना पड़ता है, जो एक बहुत ही जटिल समस्या है। शासन को इस और ध्यान देने की जरूरत है।
ऐसी ही समस्या ग्राम टेमर, कनेटी एवं असौंदा धान खरीदी केंद्र में भी देखने को मिली जहां धान खरीदी लगभग पूरी हो चुकी है, किंतु धान का उठाव अभी तक पूरा नहीं किया गया है। शासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए धान ट्रांसपोर्टिंग का कार्य शीघ्र से शीघ्र करवाना चाहिए। जिससे विगत 2 महीने से धान खरीदी केंद्र में अस्थाई टेंट बनाकर रहते हुए दिन रात सतत निगरानी करने वाले धान खरीदी केंद्र प्रभारियों को भी राहत मिल सके।