इस्लामाबाद। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अपने एक फैसले से 24 घंटे के भीतर मुकर गई है. भारत से कपास और चीनी के इंपोर्ट को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है. प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है. आर्थिक समन्वय समिति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. ECC ने बुधवार को ही भारत से चीनी और कपास के इंपोर्ट को मंजूरी दी थी.
दरअसल, बालाकोट पर हमले के बाद भारत से व्यापारिक संबंध खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने कपास और चीनी के आयात को मंजूरी दी थी. पाकिस्तान की कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति ने बुधवार को भारत के साथ व्यापार को फिर से शुरू करने को मंजूरी दी थी. जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान 30 जून से भारत से कपास का आयात करेगा.
कपास और चीनी का आयात
बुधवार को पाकिस्तान के नए वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने पड़ोसी देश भारत से आयात को लेकर जो पाबंदी लगाई थी, वह हटा ली गई है. 5 अगस्त 2019 में कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने भारत से इंपोर्ट बंद कर दिया था, लेकिन अब गुरुवार को पाकिस्तान ने आंतरिक मंत्री शेख रशीद ने कहा कि जब तक भारत धारा 370 पर लिए गए फैसले को वापस नहीं करता, तब तक भारत से कपास और चीनी का आयात नहीं होगा.
कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए पहल
संकटों से जूझ रहे कपड़ा उद्योग को बचाने के लिए पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने भारत के साथ व्यापार की फिर से शुरुआत करने को मंजूरी दी थी. दोनों देशों में तनावपूर्ण रिश्तों के बीच यह पाकिस्तान का भारत के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में पहला बड़ा प्रयास माना जा रहा था.
इमरान खान ने मोदी को लिखा था पत्र
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर कहा है कि जम्मू कश्मीर मुद्दा सहित दोनों देशों के बीच लंबित सभी मुद्दों का समाधान करने को लेकर सार्थक और नतीजे देने वाली वार्ता के लिए अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है. खान ने यह पत्र पाकिस्तान दिवस के मौके पर पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उन्हें भेजी गई बधाइयों के जवाब में लिखा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था जवाब
पीएम मोदी ने अपने पत्र में कहा था कि पाकिस्तान के साथ भारत सौहार्द्रपूर्ण संबंधों की आकांक्षा करता है, लेकिन विश्वास का वातावरण, आतंक और बैर रहित माहौल इसके लिए ‘अनिवार्य’ है. प्रधानमंत्री मोदी के पत्र के जवाब में खान ने उनका शुक्रिया अदा किया और कहा था कि पाकिस्तान के लोग भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण सहयोगी संबंध की आकांक्षा करते हैं. शांति तभी संभव है, यदि कश्मीर जैसे सभी लंबित मुद्दों का समाधान हो जाए.