
पाटन हत्याकांड: गृहमंत्री ने दिए जांच के आदेश…अब सरकार का खूफिया विभाग पता लगाएगा कि आखिर कैसे हुई एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत
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शनिवार की शाम पाटन के बठेना गांव से आई 5 लोगों की मौत की खबर
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मां और दो बेटियां जला दी गईं, पिता और बेटे का शव फंदे से लटका मिला था
दुर्ग जिले के बठेना गांव में एक ही परिवार के 5 लोगों की लाशें शनिवार को मिली थीं। अब इस मामले में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने इंटेलिजेंस टीम को एक्टिव कर दिया है। पूरे मामले की इंटेलिजेंस जांच के निर्देश दिए गए हैं। गृहमंत्री ने इंटेलिजेंस के IG और दुर्ग के SP से फोन पर बात करते हुए इस मामले की जांच जल्द पूरी कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गांव में एक घर में पिता और पुत्र की लाश फंदे से लटकी मिली थी, मां और दो बेटियों का जला हुआ शव पैरावट में मिला था।
चर्चा है कि कुछ सूदखोरों से तंग आकर इस परिवार ने खुद अपनी जिंदगी तबाह कर ली। हत्या की भी आशंका जताई जा रही है। रविवार को भी सुबह से जांच टीमें बठेगा गांव पहुंच गई है। मृतकों के रिश्तेदारों से पूछताछ की जा रही है। अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि परिवार पर कर्ज का बोझ था, इसी से परेशान होकर या तो आत्महत्या की या फिर कर्ज देने वालों ने इस परिवार को खत्म कर दिया।
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जानिए सुसाइड नोट में क्या था
बठेगा गांव में रहने वाला 52 साल का रामबृज गायकवाड़ का शव इसके बेटे 24 साल के संजू गायकवाड़ के साथ लटका मिला। रामबृज की पत्नी जानकी बाई और इसकी दो बेटियां 28 साल की दुर्गा और 21 साल की ज्योति का शव घर से कुछ दूरी पर पैरावट में जलता हुआ बरामद किया गया। जब पुलिस ने इनके घर की जांच की तो करीब पांच पेज के सुसाइड नोट मिला। इसके अंत में परिवार से माफी मांगते हुए लिखा गया है, कि अब दुनिया से अलविदा होने का समय आ गया है।
आप लोग खुश रहना। जिसकी जो देनदारी मुझ पर निकल रही है, मेरे हिस्से की संपत्ति बेचकर उसे दे दी जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि सुसाइड नोट में कुछ लोगों के नाम हैं, वो बड़े सूदखोर हैं। ये अवैध ब्याज का धंधा करते हैं। रसूखदार होने के कारण पुलिस इन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।

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भाई ने दोस्त को घर भेजा तो हुआ खुलासा
रामबृज गायकवाड़ (52) गांव से कुछ दूरी पर बाड़ी में ही मकान बनाकर परिवार के साथ रहते थे। घर में उनकी पत्नी जानकी बाई (45), बेटा संजू (25) और बेटियां ज्योति (22) और दुर्गा (28) थे। शनिवार को रामबृज के भाई ने उनके तीनों मोबाइल नंबर पर कॉल लगाया लेकिन सभी स्विच ऑफ थे। इसके बाद रामबृज के भाई ने रामबृज के दोस्त लखन वर्मा को बताया और देखकर आने के लिए कहा।
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लखन दोपहर करीब 2.30 बजे घर पहुंचे तो रामबृज और उनके बेटे फंदे से लटके मिले। इसके बाद लखन ने आसपास के लोगों को बताया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शवों को नीचे उतारा। इस बीच किसी ने बताया कि पैरावट में भी शव पड़े हुए हैं।
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