इंद्रावती पार के लोगों की राह हुई आसान: बरसात में नदी के पास आने के लिए भी सोचते थे…पुल बना तो हादसों का खतरा टला
दंतेवाड़ा। बस्तर की लाइफलाइन कही जाने वाली इंद्रावती नदी पर पुल बनने से अब ग्रामीणों की राह आसान हो गई है। बारिश के दिनों में जहां ग्रामीण नदी के पास आने से भी कतराते थे, वहीं अब पुल बनने के बाद खूबसूरत नजारे को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। पहले लकड़ी की छोटी डोंगी (नाव) से छिंदनार-पाहुरनार घाट को पार करते थे। तेज बहाव से नाव पलटने से कई हादसे भी हुए, मौतें भी हुईं। अब पुल बनने से बड़ी आसानी से किसी भी समय आना-जाना करने लगे हैं।
दरअसल, इंद्रावती नदी पार के करीब 40 हजार से ज्यादा की आबादी को राहत पहुंचाने 4 बड़े पुल बनाए जा रहे। इनमें से छिंदनार पाहुरनार घाट पर पुल निर्माण हो चुका है। इस पुल के बनने से पाहुरनार, चेरपाल समेत 8 से 10 गांव के करीब 10 हजार आबादी को फायदा मिला है। कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुल का उद्घाटन किया था। जिसे ‘विकास का द्वार’ नाम दिया गया। इस पुल के दूसरी छोर में माओवादियों का गढ़ है। पुल निर्माण की सुरक्षा में एक जवान ने भी अपनी शहादत दी। हालांकि, नदी पर अभी 3 पुल का काम चल रहा है। संभवतः अगली बारिश तक अन्य पुल का काम भी हो जाएगा।
ग्रामीण बोले- पहले मुश्किल था सफर, अब हो गया आसान
पुल निर्माण के बाद यह पहला मानसून है जहां ग्रामीण बड़ी आसानी से नदी को पार कर रहे हैं। छिंदनार घाट पर जितने भी लकड़ी के नाव थे सब को हटा दिया गया है। नदी पार के ग्रामीणों ने कहा कि, जब पुल नहीं था तो नदी के पास आने के लिए भी सोचते थे। मेडिकल कामों से लेकर जरूरत के सामान लाने के लिए उफनती नदी को लकड़ी की छोटी नाव से पार करते थे। कई हादसे हुए और परिवार के लोगों की जान गई है। पुल बनने के बाद बेहद खुशी है। बारिश में इंद्रावती नदी अभिशाप लगती थी, लेकिन अब यह खूबसूरत लगने लगी है।
पहले नक्सलियों का था डर, अब बेझिझक ले रहे तस्वीरें
इंद्रावती नदी को माओवादियों की लाल लकीर भी कहा जाता था। बारिश के दिनों में नक्सली नदी के दूसरे छोर के नजदीक में आकर अपना डेरा जमा लेते थे। पुल-पुलिया के विरोध करने ग्रामीणों को उकसाते थे। अब पुल बनने के बाद कुछ हद तक नक्सली बैकफुट हुए हैं। क्योंकि, फोर्स मूवमेंट भी बढ़ा है। यही वजह है कि जो ग्रामीण पहले सामने आने को डरते थे वे अब बेझिझक होकर पुल के ऊपर खड़े तस्वीरें ले रहे हैं। अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं।
इतना है नदी का पानी
इंद्रावती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जगदलपुर में पुराने पुल के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है। वर्तमान में नदी का पानी 9.7 मीटर तक पहुंच गया है। पुराने पुल में खतरे के निशान से ऊपर है। निचली बस्ती में बसे लोगों तक राहत पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।