रायपुर एयरपोर्ट: संवेदनशील जगहों पर जवान ही संभालेंगे सुरक्षा…CISF के साथ 19 गार्ड…जांच में बचेगा समय
रायपुर। देशभर के एयरपोर्ट में गैर-संवेदनशील क्षेत्रों में सीआईएसएफ की जगह निजी सुरक्षा गार्ड तैनात करने का फैसला रायपुर एयरपोर्ट पर भी लागू किया जा रहा है। यहां अभी सीआईएसएफ के 291 जवान हैं। उनकी संख्या में निर्धारित कटौती के बाद रायपुर में जल्दी ही 19 निजी सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए जाएंगे। इन्हें गैरसंवेदशील जगहों पर लगाया जाएगा। इसके बावजूद, पूरे एयरपोर्ट की पहरेदारी सीम्ईएसएफ के हाथों में ही होगी। जवानों की जगह हाईटेक उपकरण बढ़ाए जाएंगे। इससे जांच में लगने वाला समय कम हो जाएगा।
रायपुर एयरपोर्ट के एंट्री से लेकर एग्जिट गेट तक सीम्ईएसएफ के जवान ही तैनात रहेंगे, लेकिन इनकी संख्या कम की जा रही है। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन की प्लानिंग के तहत इन नए सिस्टम में मैन पॉवर कम कर दिया जाएगा। एयरपोर्ट पर हाईटैक उपकरण लगाए जाएंगे, जैसे बाॅडी स्कैनर वगैरह। इनसे ज्यादा पुख्ता ढंग से चेकिंग होगी।
इस कारण यात्रियों का समय बचेगा और बार-बार की परेशानी कम होगी। एयरपोर्ट पर डीजी स्काई स्कीम पर भी काम चल रहा है, जहां एक बार रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद यात्रियों को बार-बार दस्तावेज दिखाने और सुरक्षा जांच से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अभी देश के दो एयरपोर्ट बैंगलुरू और बनारस हवाई अड्डे में इसकी शुरुआत हो चुकी है। यहां सफल होने के बाद इस स्कीम को रायपुर समेत देश के दूसरे प्रमुख हवाई अड्डों पर लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
यहां तैनात होंगे गार्ड
एयरपोर्ट पर नॉन सेंसेटिव ड्यूटी में सुरक्षा गार्ड लगाए जाएंगे। ये स्मार्ट टेक्नोलॉजी टूल्स को ऑपरेट करने में मदद करेंगे और सर्विलांस में मददगार साबित होंगे। इनकी ड्यूटी मुख्यत: एंट्री गेट पर पैसेंजर को व्यवस्थित करने, बोर्डिंग काउंटर के सामने क्यू मैनेजमेंट, बैगेज कंट्रोल, कार्गो एरिया और विजिटर्स गैलेरी में होगी।
डीजी स्काई स्कीम
डीजी यात्रा लागू होने के बाद यात्रियों का समय बचेगा, साथ ही एयरपोर्ट की सुरक्षा भी मजबूत होगी। बनारस के लालबहादुर शास्त्री हवाई अड्डे इसका ट्रायल हुआ था। इसके तहत प्रवेश द्वार पर कियास्क सेल्फ रजिस्ट्रेशन मशीन रखी होगी। यात्री मशीन के पास जाएंगे और अपने पहचान-पत्र आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड आदि का विवरण दर्ज कर अपना नाम और पता सबमिट करेंगे।
फिर फिंगर प्रिंट, आइरिस स्कैन किया जाएगा। इसके बाद अंत में फोटो कैप्चर करने का ऑप्शन आएगा। मशीन में लगे कैमरे द्वारा फोटो ले ली जाएगी। इस तरह पूरा डेटाबेस तैयार हो जाएगा, जिसका उपयोग यात्री भविष्य में भी कर सकेंगे।
हाईटेक मशीनें बचाएंगी यात्रियों का समय
फर्स्ट चेकिंग पाइंट- मेन एंट्री गेट
अभी- सीआईएसएफ के हथियारबंद जवान मैटल डिटेक्टर से जांच और टिकट चेक करते हैं। यहां से यात्री बोर्डिंग पास के लिए आगे बढ़ते हैं।
आगे- इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
सेकंड चेकिंग पाइंट- पैसेंजर एंट्री
अभी- महिला सीआईएसएफ स्टाफ बोर्डिंग पास संबंधित जानकारी देती है। विजिटर को इस एरिया के बाद आगे जाने से रोका जाता है।
आगे- यहां लगेंगे गार्ड, जवानों का अन्य जगह उपयोग।
थर्ड चेकिंग प्वॉइंट- बोर्डिंग पास
अभी- यहां अभी सीआईएसएफ का जवान बोर्डिंग पास स्कैन कर यात्रियों को आगे जाने देता है। यहां से यात्री सुरक्षा जांच के लिए आगे बढ़ते हैं।
आगे- यहां हाईटेक मशीनें लगेंगी और समय बचेगा।
फोर्थ चेकिंग पाइंट- फाइनल
अभी- सीआईएसएफ जवान हैंड बैग के साथ फाइनल चेकिंग करते है। आपत्तिजनक चीजें पकड़ में आ जाती हैं।
आगे- बॉडी स्कैनर से समय की काफी बचत।
सिंगल पॉइंट चेकिंग सिस्टम बनेगा
एयरपोर्ट की सुरक्षा में लगे जवानों की संख्या कम नहीं कर रहे हैं। डीजी स्काय स्कीम के तहत कुछ बदलाव हो रहे हैं। इसके तहत जहां चेकिंग मैनुअल हो रही है, वहां अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। सिंगल पाइंट चेकिंग सिस्टम बनाएंगे। – अनिल पांडेय, सी-पीआरओ, सीआईएसएफ दिल्ली