बिलासपुर। नगर निगम क्षेत्र में शामिल हुए दो दर्जन गांवों की विवादित जमीनों की खरीदी बिक्री धड़ल्ले से चल रही है। इन इलाकों में प्लाट काटकर जमीन बेचने का अवैध कारोबार भी चल रहा है। नगर निगम ने ऐसे भूमि व स्वामियों को सर्वे कर चिन्हित किया है।
फिर उनकी सूची बनाकर पंजीयन विभाग को जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने पत्र लिखा गया है। सूची में अपने आप को बिल्डर्स व डेवलपर्स बताने वाले शहर के रसूखदारों के भी नाम हंै। रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाने को लेकर जारी इस पत्र के बाद कथित बिल्डर्स व डेवलपर्स में हड़कंप मच गया है।
जिले में अवैध तरीके से जमीन की खरीदी-बिक्री को लेकर जमीन कारोबारियों व राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत चल रही है। इसके चलते निजी के साथ ही शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं। इसे लेकर आला अधिकारियों से शिकायत भी की गई है। प्रशासन स्तर पर लगातार जमीन की अवैध खरीदी-बिक्री पर अंकुश लगाने का दावा किया जाता है और अफसरों को निर्देश भी दिए जाते हैं।
लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाता। इसके चलते यह अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अवैध प्लाटिंग रोकने के लिए नगर निगम ने भी सर्वे कर कार्रवाई की। इस दौरान कई प्रकरणों में जमीन कारोबारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराए गए। सर्वे में नगर निगम सीमा से लगी जमीनों में बड़ी मात्रा में अवैध प्लाटिंग करने का राज खुला है। लिहाजा निगम ने भूमि के रकबे व कथित बिल्डर्स की सूची तैयार की है, जिनकी रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए पंजीयन विभाग को पत्र लिखा गया है।
इन क्षेत्रों में पंजीयन पर लगाई रोक
जूना बिलासपुर, तालापारा, कुदुदंड, तोरवा, सरकंडा, चांटीडीह, मंगला, लिंगियाडीह, सकरी, चिल्हाटी, बिजौर, खमतराई, बहतराई, कोनी, बिरकोना, तिफरा, सिरगिट्टी, घुरू-अमेरी, परसदा, उसलापुर, देवरीखुर्द, दोमुहानी और मोपका।
बिल्हा में प्रतिबंध है फिर भी हो रही रजिस्ट्री
शहर से लगे चकरभाठा एयरपोर्ट के चलते कड़ार-धमनी, सिरगिट्टी सहित आसपास के खेतों को काट कर अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है। एयरपोर्ट शुरू होने के कारण इन इलाकों की जमीन की अवैध प्लाटिंग व रजिस्ट्री पर पहले से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद भी धड़ल्ले से जमीन की रजिस्ट्री हो रही है। यह सब खेल राजस्व अफसरों की मिलीभगत से चल रहा है। जबकि पूर्व में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने इस तरह की अवैध प्लाटिंग पर आपत्ति जताई थी और कलेक्टर को पत्र लिखकर कार्रवाई करने कहा था। लेकिन राजस्व अधिकारियों को कलेक्टर के आदेश की भी परवाह नहीं है।
पटवारी की मिलीभगत से हो रहा नामांतरण
बिल्हा क्षेत्र के धमनी, कड़ार व आसपास के जमीनों में 55 एकड़ की अवैध प्लाटिंग चल रही है। जमीन कारोबारी बेधड़क तंबू लगाकर प्लाट बेच रहे हैं। वहीं एसडीएम, तहसीलदार जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने का दावा कर रहे हैं। लेकिन एयरपोर्ट शुरू होने के एक मार्च के बाद भी सौ से अधिक जमीन की रजिस्ट्री हुई है और नामांतरण भी हो रहा है। इसमें संबंधित रकबा क्षेत्र के पटवारी की मिलीभगत से पूरा खेल चल रहा है।
संबंधित हल्का पटवारियों को सूची भेजकर उक्त खसरा नंबर की जमीन की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पटवारियों को डिजीटल सिग्नेचर हटाने के लिए भी कहा गया है। इसके बाद भी खरीद-बिक्री होने पर पटवारी दोषी माने जाएंगे – एनपी गबेल,तहसीलदार, बिलासपुर