नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ में 46% महिलाओं के नाम पर मकान और जमीन…फैसले लेने में भी महिलाएं पुरुषों से आगे
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 45.6% महिलाओं के नाम घर और जमीन है। यह जानकारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट से सामने आई है। दरअसल, 2015-16 में यह आंकड़ा 26.4% ही था। यानी पांच साल में 20.1% वृद्धि हुई है। इसमें गांवों की तुलना में शहर की महिलाएं आगे हैं। शहर में यह 46.1% है तो गांवों में 45.5% है।
92.7% महिलाएं ऐसी हैं, जो अपने घरों का फैसला खुद लेती हैं। इस मामले में शहर की महिलाएं आगे हैं। शहर की 96.5% महिलाएं तो गांवों की 91.6% महिलाएं अपने घर को बेहतर तरीके से चलाने के लिए फैसला लेती हैं। 2015-16 में 90.5% महिलाएं अपने घरों का फैसला लेती थी। समय के साथ महिलाओं में जागरूकता आई है।
पंजाब, हरियाणा, बिहार, यूपी की बात करें तो फैसला लेने के मामले में वहां की महिलाएं छत्तीसगढ़ से पीछे हैं। पिछले 12 माह में यानी कि कोरोना काल में काम कर रुपए कमाने के मामले में गांव की महिलाएं आगे है। 39.1% महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने काम कर रुपए कमाए। शहर की 28.4 % तो गांव की 42.6 % महिलाओं ने कोरोना काल में भी काम किया। 2015-16 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 47.1% 15 से 24 साल की युवतियां और महिलाएं अभी 68.8% महिलाएं सेनेटरी पेड यूज कर रही हैं, जिसमें शहर की 83.2% तो गांवों की 64% महिलाएं शामिल है।
चिंता: चिकित्सा के क्षेत्र में जागरूक नहीं हैं महिलाएं
पिछले पांच साल में महिलाएं चिकित्सा के क्षेत्र में जागरूक नहीं हुई, जो चिंता का विषय है। 0.4% शहरी और 0.3% ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं ने ही गर्भाशय के कैंसर की जांच कराई। इसी तरह 0.4% शहर और 0.1% गांव की महिलाओं ने ब्रेस्ट कैंसर की जांच कराई। ओरल कैंसर की जांच की बात करें तो 0.4 % शहर और 0.2% गांव की महिलाओं ने ओरल कैंसर की जांच कराई है। विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं को इसकी जांच करानी चाहिए।
आंकड़ों से समझें…बच्चों की मौत के मामले भी घटे
- 2020-21 में नवजात मृत्यु दर 32.4 प्रति हजार हुई, 2015-16 में 42.1 प्रति हजार थी।
- 2020-21 में मृत्यदर 44.3 प्रति हजार हो गई है। 2015-16 में यह 54 प्रति हजार थी।
- 2020-21 में 5 साल में मृत्यु दर 50.4 प्रति हजार हुई, 2015 16 में 64.4 प्रति हजार थी।
फैसला लेने के मामले में छत्तीसगढ़ से पंजाब, हरियाणा, बिहार, यूपी की महिलाएं पीछे