सक्ती जिला अस्पताल में 40 घंटो से छाया ब्लैक आउट: मोबाइल की फ्लैश लाइट के सहारे हो रहा मरीजों का इलाज…मरीज परेशान…जिम्मेदार बेपरवाह

सक्ती जिले के जिला अस्पताल मे पिछले 40 घंटो से ब्लैक आउट छाया हुआ है। 40 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक विद्युत व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई है। जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोलर पैनल से जो विद्युत सप्लाई हो रही है। वह अस्पताल को चलाने के लिए काफी नही है। हॉस्पिटल में तीन जेनरेटर भी लगे हुए है लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा उसका इस्तेमाल नही किया जा रहा है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। रौशनी के अभाव में डॉक्टर फोन की फ्लैश लाइट जला कर मरीजों का इलाज कर रहे है।
दरअसल, सक्ती जिला अस्पताल मे पिछले 40 घंटो से ब्लैक आउट छाया हुआ है। सोमवार की शाम करीब 7 बजे अचानक लाइट चली गई। काफी समय बाद भी जब लाइट नहीं आई तो इसकी जानकारी हॉस्पिटल प्रबंधन ने अधिकारियों को दी। जिसके बाद विद्युत विभाग के कर्मचारियों को बुलाया गया। विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने जब चेक किया तो पता चला कि हॉस्पिटल में लगे ट्रांसफर का तार जल गया है। जिससे लाइट बंद हो गई है। विद्युत कर्मचारियों ने हॉस्पिटल प्रबंधन से वायर की मांग की थी। लेकिन अभी तक विद्युत व्यवस्था बहाल नहीं हो पाई है।

मोबाइल फ्लैश के सहारे हो रहा मरीजों का इलाज
बीते 40 घंटो से छाए इस अंधेरे की वजह से मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है। विद्युत लाइन में खराबी की वजह से मरीज गर्मी से भी परेशान हो रहे है। बिना लाइट के डॉक्टर भी मरीज का इलाज नहीं कर पा रहे है। रात को डॉक्टरों को मोबाइल की फ्लैश लाइट के सहारे मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है।

नवजातों और मरीजों को हो रही अधिक परेशानी
इसका खामियाजा यह हो रहा है कि यहां आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीज तो ऐसे हैं जो दो दिनों से बिना लाइट और पंखे के गुजर बसर कर रहे हैं। खासतौर पर ऐसे मरीजों को या नवजात बच्चों की माताओं को परेशानी हो रही है जिन्होंने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है। यहां आने वाले परिजनों को ने कहा कि अस्पताल में भारी गन्दगी और समस्या व्याप्त है। बिना लाइट और पंखे के यहां रह पाना मुश्किल हो गया है। दैनिक दिनचर्या में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लाइट नहीं होने की वजह से नवजात बच्चों को मच्छरों का प्रकोप भी झेलना पड़ रहा हैं।

विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर एम.आर निर्मलकर ने बताया कि हॉस्पिटल में लगे ट्रांसफर की वायर जलने से विद्युत व्यवस्था बाधित हुई है। वायर बदलने के बाद पता चल सकेगा कि और कही दिक्कत तो नही है। हमारी कोशिश है कि जल्द ही विद्युत व्यवस्था बहाल हो जाए।

इस संबंध में जानकारी लेने के लिए हमने सक्ती मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बात करने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।