रायगढ़। कोतरारोड रायगढ़ निवासी सुनील कुमार अग्रवाल पिता स्वर्गीय ओम प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2008-09 उनकी माता श्रीमती पार्वती देवी अग्रवाल ने हेमंत जायसवाल पिता बाबूलाल जायसवाल , श्रीमती सोनल जैन पत्नी मनीष जैन एवं श्रीमति अनिता जयसवाल पति श्री सी.एल जायसवाल , सभी निवासी बिलासपुर से उनके स्वत्व , स्वामत्व एवं अधिकार की भूमि ग्राम बड़े अतरमुड़ा तहसील- रायगढ़ जिला- रायगढ़ (छ.ग.) के कुल रकबा 2.024 हेक्टर की भूमि को अन्य दो व्यक्ति राजेन्द्र चिड़िपाल पिता किशन गोपाल चिड़िपाल निवासी कोरबा , एवं हंस इन्गाट प्रा.लि. डायरेक्टर जय प्रकाश पोद्दार के साथ सामिलात रुप से क्रय करने का पक्का सौदा किया था।
सुशील अग्रवाल राजेन्द्र चिड़िपाल
सौदे के उपरांत उपरोक्त भूमि पर रिंग रोड़ प्रस्तावित हो गयी। इस कारण कुल भूमि में से 0.700 हेक्टर. भूमि रोड़ में प्रस्तावित हो गयी कुल 1.324 हेक्टर. भूमि की ही बिक्री नकल मिल सकती थी, तब तीनों क्रेताओ ने उपरोक्त रिंग रोड़ से लगी हुई भूमि का तात्कालिक हल्का पटवारी से बिक्री नकल बनवाया।
पार्वती देवी एवं हंस इन्गाट ने अपने अपने नाम से पंजीकृत रजिस्ट्री का निष्पादन कराया, परन्तु राजेन्द्र चिड़िपाल ने अपने हिस्से की भूमिपंजीयन अपने पार्टनर सुशील अग्रवाल उम -53 वर्ष , निवासी- कोरबा के पक्ष मे करने की बात की। सुशील ने उक्त संपत्ति दिनेश सिंह पिता रामअवतार सिंह को बिक्रय कर दिया है , ऐसा कहते हुए कुल 14,00,000 रुपए (चौदह लाख rupay) विक्रेताओं को नगद में भुगतान देना दिखाया एवं गवाही के रुप में स्वयं हस्ताक्षर भी किया।
इसके उपरांत तीनो खरीददार अपनी अपनी भूमि पर जो कि पंजीकृत विक्रय विलेख में दर्शित किया गया था , पर काबिज हो गये। उपरोक्त रजिस्ट्री के पश्चात् कई बार भूमि का सीमांकन हुआ परन्तु दिनेश सिंह की तरफ से हमेशा राजेन्द्र चिड़िपाल एवं सुशील अग्रवाल या उसका कोई नौकर ही उपस्थित होता था।
वर्ष 2012-13 में प्रस्तावित रिंग रोड़ को शासन ने रद्द कर दिया। शहर के विस्तार के चलते उपरोक्त एरिया में कब्जा बढ़ने लगा तो पार्वती देवी एवं हंस इन्गाट की भूमि पर शासन द्वारा 10 फीट की रोड़ का निर्माण करा दिया गया । सुनील कुमार अग्रवाल अपनी माता की ओर से आम मुख्तयार है के ऊपर अपनी भूमि क्रय करने दबाव बनाया जाने लगा, नहीं मानने पर झूठे प्रकरण मे फंसाये जाने की धमकी दी जा रही है तथा अपनी ऊंची राजनैतिक पहुंच और रुतबे का प्रयोग आर.आई. , पटवारी और उच्च अधिकारियों की मदद से अपनी पसंद का सीमांकन रिपोर्ट करवाकर उनकी बाऊंड्री तुड़वा देने तथा गैर कानूनी रुप से कब्जा कर लेने की धमकी दी जा रही है।
जिसकी वजह से सुनील अग्रवाल को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि राजेन्द्र चिड़िपाल एवं दिनेश सिंह ने रजिस्ट्री में दिनेश सिंह का पैन कार्ड का नम्बर जानबूझकर अंकित नहीं कराया है, क्योंकि पैन कार्ड का नम्बर दर्ज कराने से बेनामी संपत्ति का प्रकरण दर्ज हो सकता है। पंजीकृत विक्रय मे प्रतिफल राशि को चेक से दिए जाने का नियम है, परंतु दिनेश सिंह द्वारा उक्त राशि का नगद में दिए जाने का उल्लेख है । दिनेश सिंह एक बहुत ही गरीब व्यक्ति है जो कि सुशील अग्रवाल का नौकर है । वह बहुत ही गरीब एरिया में निवास करता है ।दिनेश सिंह के पास 14 लाख रुपये की बड़ी रकम कहां से और कैसे आई यह जांच का विषय है ।
लगातार मील रही धमकियों से तंग आकर राजेन्द्र चिड़िपाल एवं सुशील कुमार के विरुद्ध बेनामी संपत्ति के अमेंडमेंट एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किये जाने संबंधी शिकायत IG बिलासपुर एवं SP रायगढ़ की है।