175 जवानों की शहादत के जिम्मेदार नक्सली दंपती का सरेंडर: ताड़मेटला, टेकलगुड़ा, बुरकापाल जैसी कई बड़ी वारदातों में थे शामिल…पति-पत्नी पर है 8-8 लाख का इनाम

सुकमा। छत्तीसगढ़ के बस्तर में माओवादियों के शहीदी सप्ताह के दौरान पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। 175 जवानों की शहादत के जिम्मेदार माओवादी दंपती ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाले दोनों माओवादी पर 8-8 लाख का इनाम घोषित है। बताया जा रहा है कि, यह दोनों माओवादी पिछले कई सालों से नक्सल संगठन में जुड़कर काम कर रहे थे। ताड़मेटला, टेकलगुड़ा, बुरकापाल जैसी कई बड़ी वारदातों में भी शामिल रहे हैं। अब सामान्य जिंदगी जीने के लिए दोनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ सुकमा में पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया है।
नक्सलियों के बटालियन नंबर 1 में सक्रिय रहे सलवम मुत्ता और सलवम गंगी ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है। नक्सली दंपति पुलिस के पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटे हैं। सरेंडर के बाद दोनों ने पुलिस को बताया कि वे अपना परिवार बढ़ाना चाहते हैं,संगठन में इसकी इजाजत नहीं थी। इसलिए उन्होंने सरेंडर करने का निर्णय लिया। सुकमा के SP सुनील शर्मा ने बताया कि, दोनों माओवादी बड़े कैडर के हैं। कई बड़े लीडरों के साथ काम कर चुके हैं। पूछताछ में बड़े खुलासे होने की संभावना है।
इन पदों पर सक्रिय रहा मुत्ता
- साल 2006 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ और DVCM विजय कर साथ काम किया।
- साल 2007-8 तक विजय का सुरक्षा गार्ड के पद पर सक्रिय था। साल 2009 में नक्सली कमांडर हिड़मा के साथ काम किया।
- साल 2010 से 2011 तक बटालियन हेडक्वार्टर सेक्शन बी के सदस्य के रूप में सक्रिय था।
- साल 2012 से 2018 तक बटालियन कंपनी नंबर 1 का प्लाटून नंबर 1 सेक्शन ए का कमांडर बना।
इन घटनाओं में दोनों थे शामिल
- साल 2010 में ताड़मेटला की घटना में शामिल थे, इसमें 76 जवानों की शहादत हुई थी।
- साल 2014 में कसालपाड़ मुठभेड़ में शामिल थे। इस मुठभेड़ में 14 जवान शहीद हुए थे।
- साल 2007 में भेज्जी में एंबुश लगाया था। फोर्स पर अंधाधुंध फायरिंग किए थे, इस घटना में 12 जवानों ने शहादत दी थी।
- साल 2017 में सुराक्षाबलों को बुरकापाल एंबुश में फंसाया था। इस घटना में 25 जवान शहीद हुए थे।
- साल 2021 में टेकलगुड़ा एंबुश में शामिल था। इस घटना में 22 जवानों ने शहादत दी थी।