छत्तीसगढ़ मे इसलिए बढ़ रही वारदातें: 500 रुपए से 3000 रुपए में मिल रहा कट्टा…अवैध हथियार का कारोबार भी
बिलासपुर। जिले में दूसरे प्रदेशों से हथियारों की खेप पहुंच रही है। इस कारण यहां आए दिन कट्टा ,पिस्टल या दूसरे हथियार बरामद हो रहे हैं। पुलिस कार्रवाई के नाम पर आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाकर बैठ जाती है। कभी यह जानने की कोशिश नहीं करती कि इनका मुख्य सप्लायर कौन है और ये कहां बनाए जा रहे हैं। पिछले 12 साल का रिकॉर्ड देखें तो इस अवधि में जिले से 197 कट्टा, पिस्टल बरामद किए गए। इन्हीं हथियारों से हत्या, लूट व हत्या के प्रयास की घटनाएं हो चुकी हैं।
यदि आपको अवैध हथियार की जरूरत है तो थोड़े से संपर्क से आप 1500 से 300 हजार रुपए इसे पा सकते हैं। 1500 रुपए में कट्टा और 7 हजार रुपए में देसी पिस्टल मिल जाता है। यूपी, बिहार से यहां हथियार पहुंच रहे हैं, वह भी तब जब जिले में 2000 पुलिस अफसर व कर्मचारी तैनात हैं। 10 फरवरी 2013 को सरकंडा पुलिस ने अशोक नगर निवासी मिथलेश साहू (29) के घर से कट्टा व कारतूस जब्त किया। पुलिस ने पता लगाने की कोशिश नहीं की कि मिथलेश कट्टा व कारतूस कहां से लाया। इसी तरह 24 अक्टूबर 2011 को देवनंदन नगर से एक युवक को पिस्टल से साथ हिरासत में लिया गया।
अंबिकापुर के रास्ते पहुंचता है
शहर में अवैध, पिस्टल, रिवाल्वर और कट्टा रखने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। खुद को मजबूत करने के लिए छोटे-छोटे गिरोह हल्के स्तर के कट्टे जुटाने में लगे हैं। उत्तरप्रदेश, बिहार से अंबिकापुर के रास्ते यहां तक धड़ल्ले से हथियारों की सप्लाई की जा रही है।
12 साल में 197 कट्टा, पिस्टल जब्त
सन – अवैध हथियार
2010 – 07
2011 – 14
2012 – 21
2013 – 23
2014 – 11
2015 – 09
2016 – 28
2016 – 17
2017 – 17
2018 – 21
2019 – 11
2020 – 09
2021 – 05
2022 – 04
कट्टे या पिस्टल के साथ पकड़े आरोपियों पर आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज होता है। पुलिस की कार्रवाई इतनी लचर होती है कि इसमें इसमें एक दो महीने के भीतर ही आरोपियों को जमानत मिल जाती है। जेल से छूटने के बाद आरोपियों की हरकत पर नजर नहीं रखी जाती।