बिलासपुर । केयर एंड क्योर अस्पताल ने आपदा को अवसर में बदलना शुरू कर दिया है। मरीजों का ठीक से इलाज तो दूर अब संक्रमित की मौत के बाद उसके शव को बंधक बनाकर उसके बदले लाखों रुपए वसूल की शिकायत परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग में की है। जिसके बाद सीएमएचओ ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। देवकीनंदन चौक पुराना प्रताप टॉकीज भवन में संचालित होने वाले केयर एंड क्योर अस्पताल को कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए अनुमति दी गई है।
अस्पताल प्रबंधन ने महामारी में भी आम जनता को लूटना शुरू कर दिया। कोरबा जिले के पाली निवासी 45 वर्षीय अर्जुन सिंह को कोरोना हुआ था जिसके बाद उन्हें डॉ. सिद्धार्थ वर्मा के केयर एंड क्योर अस्पताल में 16 अप्रैल को भर्ती किया गया। उसी समय उनका पैथोलॉजिकल टेस्ट हुआ और इस दौरान 60 हजार 540 रुपए लिए गए, लेकिन अर्जुन सिंह की स्थिति बिगड़ती गई और 17 अप्रैल शाम को उसकी मृत्यु हो गई।
मृत्यु के बाद भी डॉक्टर अर्जुन सिंह के रिश्तेदारों से 1 लाख 75 हजार रुपए की मांग की। जिसके बाद ही शव देने की बात कही परिजनों ने पैसा दिया लेकिन परिजनों ने डॉ. सिद्धार्थ वर्मा से मृत्यु के संबंध में जानकारी मांगी तो उन्होंने आनन फानन में डेड बॉडी को पाली भिजवा दिया। लेकिन परिजनों को जानकारी नहीं दी है। ऐसे में परिजनों ने सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन से इस संबंध में शिकायत की है।