मुख्यमंत्री से मिले मनरेगा कर्मी और मितानिन: चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में मांगों पर विचार करेगी कमेटी…हड़ताल वापसी को तैयार

रायपुर। पिछले 25-30 दिनों से आंदोलन कर रहे मितानिन संघ और मनरेगा कर्मियों का संगठन हड़ताल वापसी पर सहमत हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात के बाद इन संगठनों ने हड़ताल वापस लेने पर सहमति दी है। मुख्यमंत्री ने इनकी मांगों पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव(CS) की अध्यक्षता में एक समिति बनाने को कहा है।
प्रदेश मितानिन संघ और छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। कांग्रेस विधायक गुलाब कमरो और यूडी मिंज दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों को लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे। दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को अपना मांग पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की। मुख्यमंत्री ने दोनों की बात सुनने के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा, यह समिति सभी मांगों पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। इस आश्वासन के बाद दोनों संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने हड़ताल वापस लेने की बात कही है। मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में मितानिन संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरोह सेंगर, कार्यकारी अध्यक्ष आशा वैष्णव, मनरेगा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर अग्निहोत्री समेत कई लोग शामिल थे।
इसलिए आंदोलन पर थीं मितानिन
मितानिन संघ इस महीने की शुरुआत से हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांगों में प्रोत्साहन राशि के अतिरिक्त राशि प्रतिमाह पांच हजार रुपए दिए जाने की मांग शामिल है। उनका कहना है कि कांग्रेस ने चुनाव पूर्व इसका वादा किया था। मितानिनों ने अतिरिक्त कार्य करने पर भी प्रोत्साहन राशि दिए जाने, मासिक भविष्यनिधि जमा किए जाने व मितानिनों की मृत्यु पर नए चयन में आश्रित परिजनों को प्राथमिकता दिए जाने की मांग भी शामिल की हुई है।
मनरेगा कर्मचारियों की यह थी मांग
मनरेगा कर्मचारी नियमितिकरण और वेतन नियमितिकरण को लेकर आंदोलित हैं। उनका कहना था, रोजगार सहायकों के वेतनमान का निर्धारण किया जाए। उसके साथ ही उनको भी नियमित करते हुए पंचायत कर्मी नियमावली लागू की जाए।