जांजगीर चांपा। सक्ती थाना क्षेत्रांतर्गत ग्राम बोरदा की निजी भूमि मे दिनांक 23 फरवरी 2021 को सीमांकन के दौरान एक अजीबो गरीब स्थिति निर्मित हो गई,जब सीमांकन की टीम ने आवेदक को सक्ती कोरबा पहुंच मार्ग को आवेदक की निजी भूमि बताकर चूना डालकर बाउंड्री वॉल पोल और फेंसिंग वायर लगाने के लिए कहा।

विदित हो कि ग्राम बोरदा के नानसिंह पिता ननकूर्रू गोड़ की निजी भूमि खसरा नंबर 143/2, 146/2 एवं 146/3 का सीमांकन माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के रीट पिटिशन (WRIT PETITION) क्रमांक 703/2018 आदेश दिनांक 26/11/2018 के परिपालन मे तहसीलदार सक्ती श्रीमती बी. एक्का के नेतृत्व मे श्री शिवकुमार डनसेना नायब तहसीलदार सक्ती प्रभारी अधिकारी,श्री पटेल प्रशिक्षु नायब तहसीलदार शक्ति, श्री अरुण पटेल राजस्व निरीक्षक सक्ती, श्री गोविंदराम अनंत राजस्व निरीक्षक नजूल सक्ती,श्री सेवाराम कुर्रे राजस्व निरीक्षक नजूल सक्ती,सुश्री नेम्हाती राजस्व निरीक्षक जाजंग,श्रीमती सुकृता बंजारे राजस्व निरीक्षक पोरथा, श्री सत्यनारायण राठौर पटवारी हल्का नंबर 22, श्री अमित त्रिपाठी हल्का पटवारी ग्राम बोरदा के द्वारा आवेदक की निजी भूमि का सीमांकन कर चूना डलवा कर कब्जा दिलवाया जाना था।
वर्तमान मे इस स्थल पर डोंगिया मसानिया बाईपास मार्ग और सक्ती कोरबा पहुंच मार्ग बना हुआ है। प्रातः 11 बजे से ही सीमांकन दल पुलिस के साथ पहुंच गए थे सीमांकन देर शाम तक चलता रहा।
सीमांकन की टीम ने अंत मे सक्ती कोरबा पहुंच मार्ग को आवेदक की निजी भूमि बताकर चूना डलवा कर कब्जा करने के लिए बता दिया और सक्ती कोरबा मार्ग को आवेदक के खेतों के बीच से गुजरना चिन्हांकित कर दिया।
इसी प्रकार नए बाईपास रोड और वर्तमान सक्ती कोरबा मार्ग के बीच मे एक अन्य सड़क 40 फुट होना बताया है, पूर्व दिशा मे राजेंद्र तिवारी की निजी भूमि बताया गया है, आवेदक ने जनहित को ध्यान मे रखते हुए माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश के परिपालन मे चिन्हांकित निजी भूमि पर अपने पोल गाड़ दिए, लेकिन सक्ती कोरबा पहुंच मार्ग को निजी भूमि बताने के बाद भी अवरुद्ध नहीं किया, अन्यथा देर शाम सक्ती कोरबा पहुंच मार्ग बंद हो सकता था।
इस बात की जानकारी होते ही लोक निर्माण विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एवं इंजीनियर भी मौके पर पहुंच गए, उक्त मार्ग को निजी भूमि बताए जाने से लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी हैरान हो गए थे, किंतु आवेदक के द्वारा उक्त मार्ग पर कब्जा नहीं करने से राजस्व विभाग और लोक निर्माण विभाग ने राहत की सांस ली।
यहाँ यह बताना लाजमी है कि पूर्व पटवारी साहू ने सक्ती कोरबा पहुंच मार्ग हेतु आवेदक की भूमि अधिग्रहण नहीं होना बताया था। पूर्व पटवारी साहू के आधार पर ही माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर मे शपथ पत्र पेश किया गया था, जिसके कारण ही माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने पोल या फेंसिंग वायर लगवाकर भूमि स्वामी को कब्जा दिलाए जाने का आदेश दिया है।