बिलासपुर। फागुलाल आर्मो छात्रावास अधीक्षक ने सरकारी पद पर रहते हुए 5 करोड़ 50 लाख की काली कमाई एकत्रित कर रायपुर के स्टेट बैंक मे फागूराम आर्मो एवं मुकेश शर्मा के संयुक्त खाते मे जमा किया गया है। जिसकी बंदरबांट मुकेश शर्मा के द्वारा शक्ति के आसपास के ग्रामीणों से 5-5 लाख रुपए का इकरारनामा कर्ज लिए जाने के नाम पर किया है। मुकेश शर्मा को 10 लाख रुपए का कर्ज देने वाला व्यक्ति एक कुम्हार है। यहां समझने वाली बात यह है कि एक कुम्हार के पास इतनी बड़ी रकम कहां से और कैसे आई यह जांच का विषय है।
मुकेश शर्मा फागूराम आर्मो
इस संबंध मे मुकेश शर्मा अकलतरा मनका दाई मंदिर के पुजारी ने हमें बताया कि बिलासपुर जिले के कोटा निवासी फागूराम आर्मो छात्रावास अधीक्षक का मनका दाई मंदिर मे आना जाना था। सुरेंद्र कोसले एवं जयभाल बंजारे फागूराम आर्मो छात्रावास अधीक्षक के चपरासी थे। जिनकी किसी बात को लेकर फागूराम आर्मो से झगड़ा हो गया।ज्ञात हो कि मुकेश शर्मा आदतन शराबी है चुकी फागूराम आर्मो सरकारी नौकरी मे था और शराबी भी। इसी बात का फायदा उठाते हुए मुकेश शर्मा ने फागूराम आर्मो छात्रावास अधीक्षक से दोस्ती कर ली। धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती रंग लाई फागूराम आर्मो ने मुकेश शर्मा को शराब के नशे मे अपनी काली कमाई के बारे मे सब कुछ बता दिया। मुकेश शर्मा ने इस बात का फायदा उठाते हुए फागूराम आर्मो एवं अपने नाम से रायपुर के स्टेट बैंक मे संयुक्त खाता खोलकर थोड़ा-थोड़ा करके 5 करोड़ 50 लाख रूपए की बेनामी संपत्ति जमा कराई है।
मुकेश शर्मा मनहरण कुम्हार नोटरी से इकरारनामा कराते हुए
मुकेश शर्मा ने हमें बताया कि फागूराम आर्मो छिंदपूर मे गुरुजी थे, इसके बाद जांजगीर जिले के बलौदा मे छात्रावास अधीक्षक बनाए गये, फिर उन्हें अकलतरा मे छात्रावास अधीक्षक बनाया गया। आर्मो मालखरौदा हॉस्टल के सीईओ भी रहे है। फागूराम आर्मो को शासकीय राशि में गड़बड़ी करने के आरोप मे जांजगीर ऑफिस मे अटैच भी किया गया था।इसके बाद उन्हें जैजैपुर के दतौद मे हेड मास्टर बनाया गया था। फिर बैकुंठपुर हॉस्टल सीईओ बनाने के बाद फिर से मास्टर बना दिया गया था।
मुकेश शर्मा ने यह भी बताया कि वह सन 2008 से 2020 तक आर्मो से जुड़ा रहा है। इस बीच फागूराम आर्मो रिटायर हो गए। चूंकि मुकेश शर्मा को मुफ्त की दारु पीने की आदत पड़ गई थी, आर्मो के रिटायर होने के बाद उसने नए-नए पैतरे अपनाकर फागूराम आर्मो को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
पैसे नहीं मिलने के एवज मे उसने यह भी बताया कि उक्त 5 करोड़ 50 लाख रुपए बच्चों की छात्रवृत्ति व सरकारी पद पर रहते हुए सरकारी कार्यों में घपला कर कमाए गए हैं, जिसे आज भी रायपुर के स्टेट बैंक के संयुक्त खाते मे रखा हुआ है। यह सब आयकर विभाग की नजरों से बचने के लिए किया गया है जो आज भी आयकर विभाग की नजरो से छुपा हुआ है।
मुकेश शर्मा ने आगे बताया कि वह फागूराम आर्मो से धोखे से ₹100 के स्टांप मे यह लिखवा कर लाया है की रायपुर के स्टेट बैंक में रखें 5 करोड़ 50 लाख रुपए का अकेले ही वारिस बन जाए। उसने रायपुर के स्टेट बैंक के मैनेजर से उक्त स्टांप को दिखाते हुए संयुक्त खाते की तमाम राशि को अपने नाम करने की मांग की। उसने यह भी बताया कि बैंक मैनेजर ने ही उसे अधिक से अधिक लोगों से 5-5 लाख रुपए कर्ज लिए जाने का इकरारनामा करवाने को कहा है ताकि 5 करोड़ 50 लाख रुपए की राशि कर्ज दारो के खाते मे ट्रांसफर की जा सके।
जिसके लिए उसने टेमर के मनहरण कुम्हार,उसकी 19 वर्षीय बेटी, महिला तथा अकलतरा, बाराद्वार के डुमर पारा, देवरी व अन्य बहुत से व्यक्तियों से 5-5 लाख रुपए का कर्ज लिए जाने का इकरारनामा दिनांक 25 जनवरी 2021 को शक्ति न्यायालय के नोटरी के समक्ष किया है।
यहां समझने वाली बात यह है कि जिन्होंने 5-5 लाख रुपये कर्ज देने का इकरारनामा किया है।उक्त तमाम व्यक्तियों की कमाई का जरिया व इतना रुपया उनके पास कहां से आया,इन सभी बातों की तहकीकात करने की जरूरत है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
आयकर विभाग को इस मामले को संज्ञान मे लेते हुए तत्काल इसमें जांच प्रारंभ करनी चाहिए।