छत्तीसगढ़भारत

सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच का महत्वपूर्ण फैसला: राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में दे सकेंगे चुनौती…पहले जाना पड़ता था सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग यानी एनसीडीआरसी के फैसलों के खिलाफ अब संबंधित राज्यों के हाईकोर्ट में भी अपील प्रस्तुत की जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट की डिवीजन बेंच के फैसले ने एक अहम आदेश में कहा है कि आयोग संविधान के अनुच्छेद 227 के अंतर्गत एक ट्रिब्यूनल है।

इस नियम के तहत आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। इससे उन लोगों को खासी राहत मिलेगी, जो दिल्ली आने-जाने या खर्च से बचने के लिए अपील नहीं करते थे। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 लागू किया गया था, इसके तहत त्रिस्तरीय आयोग की व्यवस्था की गई थी।

इसमें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोग का प्रावधान है। हालांकि इसकी जगह अब राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 ने ले ली है। पुराने अधिनियम को संशोधनों के साथ 20 जुलाई 2020 से लागू किया गया है। अब तक जिला स्तर पर मामले पर दिए गए फैसले से असंतुष्ट रहने पर राज्य स्तरीय आयोग में अपील का प्रावधान है।

राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग के फैसलों के खिलाफ अपील के लिए एनसीडीआरसी यानी राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग की स्थापना की गई है, जिसका मुख्यालय दिल्ली में है। राज्य स्तरीय अन्य आयोग, ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ संबंधित राज्य के हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है, लेकिन अब तक एनसीडीआरसी यानी राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में ही अपील का प्रावधान था, इस वजह से सैकड़ों मामलों पर अपील नहीं हो पाती थी। आयोग के फैसलों के खिलाफ अपील के लिए दिल्ली जाने और इस पर होने वाले खर्च से बचने के लिए लोग अपील करने से बचते थे।

सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई थी विशेष अनुमति याचिका

दरअसल, इस परेशानी को लेकर एक मामला सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्न की बेंच ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इसमें कहा है कि एनसीडीआरसी यानी राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग संविधान के अनुच्छेद 227 के अंतर्गत एक ट्रिब्यूनल है, लिहाजा इस अनुच्छेद के तहत आयोग के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

देशभर में साढ़े पांच लाख से अधिक मामले पेंडिंग

त्रिस्तरीय उपभोक्ता विवाद निवारण अधिकरणों व आयोग में देशभर में वर्तमान में 5.50 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। इसमें से सवा चार लाख से अधिक मामले जिला आयोगों में लंबित हैं। दूसरे नंबर पर राज्य आयोग हैं। देशभर के राज्य आयोगों में एक लाख 20 हजार से अधिक मामले लंबित हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में 25 हजार से अधिक मामले पेंडिंग हैं।

Show More

Pradeep Sharma

SNN24 NEWS EDITOR

Related Articles

Back to top button